कांगड़ा : कांग्रेस ने कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से पवन काजल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। पूर्व मंत्री सुधार शर्मा भी कांग्रेस के टिकट हासिल करने की पैरवी कर रहे थे लेकिन हाईकमान ने पवन काजल को चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा के किशन कपूर को टक्कर देने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने यह फैसला लिया है। गौरतलब है कि कांगड़ा के ओबीसी वोट बैंक को देखते हुए हाईकमान ने यह फैसला लिया है। वहीं पूर्व मंत्री सुधार शर्मा ने ट्विटर पर पवन काजल को कांगड़ा-चंबा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। पवन काजल श्रीलंका में छुट्टियां मना रहे थे, वे बीते दिन ही घर लौटे हैं। गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा और आशीष बुटेल पवन काजल के साथ मटौर चौक तक रोड शो निकालेंगे। मटौर में कांग्रेस ने जनसभा भी रखी है। माना जा रहा है कि जीएस बाली भी रोड शो में शामिल होंगे।
पवन काजल और सुधीर शर्मा ने बताया कि चार अप्रैल को गगल एयरपोर्ट से लेकर मटौर चौक तक रोड शो के जरिये कांग्रेस चुनावी प्रचार का शंखनाद करेगी। भाजपा से किशन कपूर के रूप में खेले गए जातीय कार्ड को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने ओबीसी कार्ड खेला है। जिला कांगड़ा में ओबीसी वोट बैंक करीब 25 से 30 फीसदी है। वर्ष 2004 में भी कांग्रेस ने ओबीसी नेता चंद्र कुमार को मैदान में उतारकर शांता कुमार को पटकनी दी थी। कांगड़ा जिले में 13 में से बैजनाथ, धर्मशाला, शाहपुर, पालमपुर विस क्षेत्रों में गद्दी वोट बैंक का ज्यादा प्रभाव है। चंबा जिले के चारों भटियात, चंबा, चुराह, डलहौजी विस क्षेत्रों में करीब 55 से 70 फीसदी वोट बैंक गद्दी समुदाय से है। शांता को पिछली बार भटियात से 25000 वोट की लीड मिली थी। कांगड़ा जिले में नगरोटा बगवां, कांगड़ा, शाहपुर, ज्वालाजी, धर्मशाला, जवाली में ओबीसी वोट बैंक ज्यादा है। कांगड़ा जिले में ओबीसी वोट बैंक गद्दी वोट बैंक से ज्यादा है लेकिन चंबा में गद्दी समुदाय का वोट बैंक ज्यादा निर्णायक स्थिति में है। हालांकि, कांगड़ा जिले में पूर्व सैनिकों, राजपूत और ब्राह्मण वर्ग का वोट बैंक भी अच्छा खासा है।