
अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल के पहले स्वतंत्र चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह बहुत पहले ही साफ हो गया था कि शशांक का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा।
जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। शशांक ने नवंबर 2015 में आईसीसी चेयरमैन का पद संभाला था। आईसीसी ने कहा कि चेयरमैन शशांक मनोहर ने दो साल के दो कार्यकाल के बाद पद छोड़ दिया है।
इसी के साथ बीसीसीआई का आईसीसी में वर्चस्व भी समाप्त हो गया। वहीं उप-चेयरमैन इमरान ख्वाजा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक अंतरिम चेयरमैन होंगे।
आईसीसी बोर्ड के अगले हफ्ते तक अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को स्वीकृति देने की उम्मीद है। जिसमें भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और इंग्लैंड व वेल्स क्रिकेट बोर्ड के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स आईसीसी चेयरमैन पद के मुख्य दावेदार हैं।
सौरभ गांगुली की दावेदारी हालांकि इस बात पर निर्भर करती है कि उच्चतम न्यायालय उन्हें लोढा समिति के प्रशासनिक सुधारवादी कदमों के तहत अनिवार्य ब्रेक में छूट देकर बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर बने रहने का मौका देता है या नहीं।
क्रिकेट वेस्टइंडीज के पूर्व प्रमुख डेव कैमरन, न्यूजीलैंड के ग्रेगोर बार्कले, क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के क्रिस नेनजानी भी इस पद को लेकर रुचि दिखा चुके हैं।
मौजूदा संविधान के अनुसार गांगुली राज्य और बीसीसीआई में पदाधिकारी के तौर पर छह साल का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो रहा है और वह आईसीसी चेयरमैन पद के लिए दावेदारी पेश करने के पात्र हैं।
आईसीसी के नियमों के अनुसार मनोहर दो और साल के लिए अपने पद पर रह सकते थे क्योंकि स्वतंत्र चेयरमैन के लिए अधिकतम तीन कार्यकाल की स्वीकृति है।
बता दें कि शशांक मनोहर 62 वर्ष पेशे से वकील है। वह इससे पहले दो बार बीसीसीआई अध्यक्ष रहे। वह 2008 से 2011 तक बीसीसीआई अध्यक्ष रहे और फिर अक्टूबर 2015 से मई 2016 तक दोबारा इस पद पर काबिज हुए। दूसरे कार्यकाल का एक हिस्सा आईसीसी चेयरमैन पद के दौरान रहा।