बिहार में बीजेपी के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार के संबंध बीजेपी के साथ हमेशा सहज रहे हैं और कांग्रेस के साथ वह कभी खुश नहीं रह सकते क्योंकि कांग्रेस विरोध उनके खून में है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही. दरअसल लालू प्रसाद के ठिकानों पर छापेमारी के बाद बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के बीच जारी गतिरोध के बाद नीतीश के एक बार फिर बीजेपी के साथ गठबंधन के कयासों पर बोलते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा, ”बीजेपी के साथ नीतीश कुमार के रिश्ते हमेशा सहज रहे हैं और उनके संबंध तब सबसे ज्यादा मधुर थे जब वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री (2001-04) थे. वह उनके राजनीतिक करियर का स्वर्णिम काल था.”
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जदयू-बीजेपी गठबंधन 17 वर्षों यानी 1996-2013 तक रहा. उस दौरान ही नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के रूप में सुशासन के स्तर पर जो उपलब्धियां हासिल कीं, वह वास्तव में बीजेपी के साथ गठबंधन के दौरान ही हासिल कीं. इस वक्त तो उनकी सियासी जमीन दरक रही है.
उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामलों में सीबीआई केस दर्ज होने के बाद तेजस्वी यादव को खुद को पाक साफ साबित करने के लिए अल्टीमेटम दिया है. नीतीश ने साफ कर दिया है कि वे सहयोगी लालू यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव से क्या चाहते हैं. तेजस्वी यादव बिहार सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं.जदयू के अल्टीमेटम के बाद राजद नेता और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि मुझ पर एफआईआर राजनीतिक साजिश है. ये महागठबंधन को तोड़ने की कोशिश है. मुझे पिछड़ा होने की सजा दी जा रही है. लालू यादव के परिवार पर छापेमारी के बाद पहली राज्य सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे तेजस्वी यादव ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये 28 साल के नौजवान से डरते हैं और सवालिया लहजे में पूछा कि जिन आरोपों की बात विपक्ष कह रहा है तब उनकी उम्र 13-14 साल की थी. ऐसे में क्या 13-14 साल की उम्र में घोटाला करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर नहीं झुकेगी और जरूरत पड़ने पर जनता के बीच जाएंगे.
इसके बाद बेटे के इस्तीफ़े की मांग पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए लालू ने नाम लिए बगैर नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े की मांग कर रही बीजेपी और उसकी तरह की मानसिकता वाले लोगों पर हम कोई अहसान नहीं करेंगे. मतलब साफ है कि आरजेडी किसी कीमत पर तेजस्वी का इस्तीफा नहीं चाहती.