नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के संयुक्त राष्ट्र (UN) में दिए गए भाषण पर चुटकी ली और उसकी तुलना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से की. गौतम गंभीर ने ट्वीट किया, ‘हर देश को 15 मिनट का समय दिया गया था. इसमें कोई क्या करता है, यह उसका चरित्र और बौद्धिकता बताता है. पीएम नरेद्र मोदी ने जहां शांति और विकास की बात की वहीं पाकिस्तानी सेना की कठपुतली ने न्यूक्लियर वॉर की धमकी दी. यह वही शख्स है, जिसने कश्मीर में शांति को बढ़ावा देने की बात कही थी.’ वहीं, पीएम मोदी ने UNGC में कहा था कि भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है जबकि इमरान ने लड़ाई की बात को तरजीह दी. शुक्रवार को UNGC में बोलते हुए इमरान खान ने परमाणु-सशस्त्र संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच एक और युद्ध होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया था. पीएम खान ने अपने भाषण में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और वहां जारी पांबदियों का उल्लेख किया था. उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना भारत का एकतरफा फैसला है, जिसके बाद सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. खान के भाषण के बाद ‘राइट टू रिप्लाई’ के तहत जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय की सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा था कि भारत में परमाणु तबाही के खतरे को कम करने की योग्यता है. वहीं, इससे पहले पीएम इमरान खान ने कहा था, ‘अगर एक और पारंपरिक युद्ध शुरू होता है तो कुछ भी हो सकता है, लेकिन यह मानकर कि पड़ोसी से सात गुना छोटा देश क्या कर सकता है? या तो वह आत्मसमर्पण करेगा या फिर आजादी के लिए मरते दम तक लड़ेगा. हम क्या करेंगे? मैंने खुद से यह सवाल पूछा. मेरा विश्वास है कि अल्लाह एक है. इसलिए हम लड़ेंगे. जब एक परमाणु सशस्त्र देश अंत तक लड़ता है तो यह सीमाओं से बहुत आगे तक जाता है.’
बता दें कि फरवरी में पुलवामा में CRPF के जवानों के काफिले पर हुए हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के संबंधों में नाटकीय बदलाव आया है. भारत सरकार ने इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थिति आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया था. इस हमले में 40 सैनिकों की मौत हो गई थी. इसके अलावा हाल ही में ऐसी भी खबरें आई हैं कि सीमा पार से बड़ी संख्या में आतंकी भारत में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहे हैं. यह कोई पहली बार नहीं है जब गौतम गंभीर ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तानी खिलाड़ियों पर निशाना साधा हो. पिछले महीने भी उन्होंने पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के नियंत्रण रेखा पर ‘कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता व्यक्त करने’ को लेकर दिए बयान की भी आलोचना की थी. तब गौतम गंभीर ने कहा था, ‘कुछ लोग कभी बड़े नहीं होते हैं. वे क्रिकेट खेलते हैं. उनकी उम्र बढ़ती है, लेकिन उनका दिमाग कभी नहीं बढ़ता. अगर वह हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहते हैं, तो वह राजनीति में क्यों नहीं आ जाते, लेकिन राजनीति को परिपक्वता वाले लोगों की जरूरत होती है, जिसकी उनमें कमी है.’