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बीएसपी विधायक ने टैंक की सफाई के समय हुई मौतों पर जताई चिंता, सरकार से पूछे सवाल

लखनऊ। नाली और सेप्टिक टैंक की सफाई का काम करते वक्त सफाईकर्मियों की मौत पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को गहरी चिन्ता व्यक्त की गई। बसपा की सुषमा पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास दो साल में सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान लगभग 25 लोगों के मरने की सूचना है,‘‘लगभग का अर्थ यह हुआ कि सरकार के पास कोई प्रामाणिक आंकड़ा ही नहीं है। उन्होंने मृतकों के परिजन के लिए मुआवजे की मांग करते हुए सरकार से सवाल किया कि क्या वह प्रदेश के 17 नगर निगमों में दो साल में 25 लोगों की मौत के आंकड़ों की पुन: जांच कराएगी। सुषमा पटेल ने ये सवाल भी किया कि क्या सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय सफाईकर्मियों को मास्क, दस्ताने व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं।

इस पर नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा,‘‘ ठेकेदार अकसर सफाईकर्मियों को कहीं बाहर से ले आते हैं, जो अकुशल होते हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। इस वजह से मुआवजा राशि नहीं मिल सकी है। जो 25 लोगों के कानूनी वारिस हैं, उन्हें निश्चित रूप से मुआवजा दिया जाएगा। कोई हीला हवाली नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, श्श्हम रखरखाव की व्यवस्था पूरी तरह बदल रहे हैं। जो कुशल होंगे, वही काम करेंगे और हम मशीन के माध्यम से काम कराएंगे।लखनऊ। नाली और सेप्टिक टैंक की सफाई का काम करते वक्त सफाईकर्मियों की मौत पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को गहरी चिन्ता व्यक्त की गई। बसपा की सुषमा पटेल ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया।

उन्होंने कहा कि सरकार के पास दो साल में सीवर और सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान लगभग 25 लोगों के मरने की सूचना है,‘‘लगभग का अर्थ यह हुआ कि सरकार के पास कोई प्रामाणिक आंकड़ा ही नहीं है। उन्होंने मृतकों के परिजन के लिए मुआवजे की मांग करते हुए सरकार से सवाल किया कि क्या वह प्रदेश के 17 नगर निगमों में दो साल में 25 लोगों की मौत के आंकड़ों की पुन: जांच कराएगी। सुषमा पटेल ने ये सवाल भी किया कि क्या सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय सफाईकर्मियों को मास्क, दस्ताने व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। इस पर नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा,‘‘ ठेकेदार अकसर सफाईकर्मियों को कहीं बाहर से ले आते हैं, जो अकुशल होते हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुश्किल होता है। इस वजह से मुआवजा राशि नहीं मिल सकी है। जो 25 लोगों के कानूनी वारिस हैं, उन्हें निश्चित रूप से मुआवजा दिया जाएगा। कोई हीला हवाली नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, श्श्हम रखरखाव की व्यवस्था पूरी तरह बदल रहे हैं। जो कुशल होंगे, वही काम करेंगे और हम मशीन के माध्यम से काम कराएंगे।

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