उरई/जालौन। 5500 की आबादी वाला नगर का वार्ड नंबर एक गांधी नगर में की आधी आबादी पेयजल बिजली और सड़क आदि की समस्याओं से जूझ रही है। यूं तो पूरे वार्ड में सड़क और पेयजल की समस्या है लेकिन 200 परिवार ऐसे भी हैं जो घरों में रोशनी के लिए बिजली की लाइन पेड़ों और बांस बल्लियों के सहारे लेकर रह रहे हैं। लेकिन विभाग ने यहां विद्युत पोल और लाइन बिछाने की जहमत वार्ड वासियों की मांग के बाद भी नही उठाई। हालांकि विभागीय कर्मचारी उन घरों के बाहर विद्युत के मीटर अवश्य लगा आए, लेकिन सुविधा के नाम पर एक मीटर तार तक नहीं लगाया। इससे बाशिदे खासतौर पर नाराज नजर आए। बाशिदों के दर्द जल संस्थान की कार्यप्रणाली पर भी नजर आया क्योंकि आधे बाशिदों को पेयजल पाइप लाइन भी नसीब नहीं हो पायी। सड़कों की स्थिति भी खराब है। वार्ड की सात सड़कों का निर्माण हुआ ही नहीं यह सात सड़कें कच्ची होने के कारण बरसात के मौसम में दलदल का रूप धारण किए हुए हैं। बाशिदों का दर्द पूरे इलाके में सड़कों की भारी कमी है कच्चे मार्ग होने के कारण बरसात में बाहर निकला भी नहीं जा सकता चारों ओर कीचड़ युक्त पानी भरा हुआ है। रामगोपाल कुशवाहा सिंह वाहिनी मंदिर की तरफ जाने वाला मार्ग तो पक्का है लेकिन विद्युत पोल और लाइन नहीं है। इस कारण मंदिर जाने वाले रास्ते पर शाम होते ही अंधेरा घिर आता है। यही समय मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का रहता है अंधेरे के कारण कभी भी कोई हादसा हो सकता है। रामशंकर कुशवाहा वार्ड में पेयजल पाइप लाइन को बड़ी समस्या है पाइप लाइन न होने के कारण पेयजल का संकट हर समय बना रहता है। पाइप बिछ जाए तो कनेक्शन भी काफी हो जायेंगे। किशोरीलाल बाल्मीकि वार्ड के बीचोंबीच से निकले मलंगा नाले में न तो बाउंड्री है और न ही रेलिग लगाई गई। इससे कई हादसे हो चुके हैं। नाले पर रेलिग लगाया जाना अतिआवश्यक है।
बिजली और सड़क आदि की समस्याओं से जूझ रही आधी आबादी
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