लखनऊ। कड़े संघर्ष के बाद जीरो से समाजवादी पार्टी को अर्श पर लाने वाले मुलायम सिंह यादव का दर्द आज झलक गया। समाजवादी पार्टी कार्यालय में आज उन्होंने पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा बहुजन समाज पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी का गठबंधन गलत है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के पार्टी दफ्तर में मौजूद रहने के दौरान मुलायम सिंह यादव ने बड़ा बम फोड़ दिया। संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की प्रशंसा करने के साथ एक बार उनकी सरकार आने की घोषणा कर चुके मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन को गलत करार दिया। उनका दर्द लखनऊ में पार्टी के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए छलका।
गठबंधन पर उन्होंने कहा कि अखिलेश ने मायावती से गठबंधन कर लिया, अब तो हमारी सीट आधी हो गई। हमारी पार्टी तो काफी मजबूत थी। हम तो 80 सीट पर आराम से लड़ते। समाजवादी पार्टी को अपने ही लोग कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर हम राजनीति नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी बात रख रहे हैं। मुलायम ने बसपा के साथ हुए सपा के गठबंधन को गलत ठहराया और कहा कि उन्हें नहीं पता कि अखिलेश यादव ने किस आधार पर राज्य की आधा सीटें बसपा को दे दीं। मुलायम ने कहा कि सपा अध्यक्ष सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा करने में देरी कर रहे हैं। सपा के पूर्व मुखिया ने कहा कि वह अखिलेश से ज्यादा अनुभवी हैं। उन्होंने कहा कि सपा का संरक्षक तो उन्हें बनाया गया है लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बार बेहतर स्थिति में है और अखिलेश को टिकट बंटवारे में यदि दिक्कत हो रही है तो वह उनकी मदद करने को तैयार हैं।
उन्होंने अखिलेश पर तीखा हमला बोला और कहा कि गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता, लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि लड़का (अखिलेश) बात करके चला गया। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को उसी के लोग खत्म कर रहे हैं। सपा के संस्थापक ने कहा है कि जो लोग पार्टी से टिकट चाहते हैं वे उनसे संपर्क कर सकते हैं। गठबंधन को लेकर मैं बात करता तो समझ में आता लेकिन अब लोग कह रहे हैं कि लड़का बात करके चला गया। बसपा के साथ गठबंधन करने और आधी सीटों पर सहमति देने के लिए मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए बड़ा निशाना साधा। मुलायम सिंह ने कहा कि सपा को अपनी ही पार्टी के लोग खत्म कर रहे हैं। पार्टी ने अकेले अपने दम पर तीन बार सरकार बनाई है, लेकिन यहां तो लड़ने से पहले ही आधी सीट दे दी गई। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी को खड़ा करने में हमने बड़ी मेहनत की थी। अब पार्टी को खत्म कौन कर रहा है, अपने ही लोग। इतनी मजबूत पार्टी बनी थी कि कांग्रेस व भाजपा को लोग पूछते नहीं थे।
हम तो तीन बार मुख्यमंत्री बने। देश के रक्षा मंत्री भी बने थे। अपने दम पर पार्टी को शीर्ष पर लाए थे। अब अखिलेश यादव 40 सीट पर चुनाव लडने को तैयार हो गए हैं। हमसे तो पूछा तक नहीं कि हम कहां से लड़ेंगे। मुलायम सिंह यादव इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि हमको तो अब पार्टी का सरंक्षक बना दिया गया है। सरंक्षक को क्या काम करना है, यह तो बताया ही नहीं गया है। उन्होंने इस दौरान शिवपाल सिंह यादव को नहीं बख्शा। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि शिवपाल सिंह ने तो अपनी पार्टी ही बना ली। वह कह रहे हैं कि हमको टिकट देंगे। उन्होंने कहा कि शिवपाल सिंह यादव लिख कर दें कि हमको लोकसभा का टिकट देंगे। मुलायम ने कहा कि सपा के कार्यकर्ता बेहद कमजोर होते जा रहे हैं। पार्टी में पहले जितनी लड़कियां आती थीं, अब नहीं दिखाई पड़ रही हैं। महिलाओं को पार्टी में तरजीह नहीं मिल रही।
हमने इतनी बड़ी पार्टी बनाई, लेकिन पार्टी को अब कमजोर किया जा रहा है। मुलायम ने कहा कि सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 25-26 सीटें ही जीत सकते हैं। मुलायम ने कहा कि आखिर कैसे अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी के साथ ऐसे गठबंधन के लिए राजी हो गए जिसमें समाजवादी पार्टी के हिस्से में आधी सीटें आई हैं। मुलायम ने तो ये तक कहा कि पार्टी के लोग ही पार्टी को खत्म करने में जुटे हैं। समाजवादी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने फिर एक ऐसा बयान दिया है जो उनके बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए झटका साबित हो सकता है। मुलायम ने यूपी में सपा-बसपा गठबंधन पर हमला बोला है और इस बात पर आपत्ति जाहिर की है कि अखिलेश यादव इस गठबंधन में आधी सीटों पर राजी हो गए। मुलायम कुछ दिन पहले भी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत और सत्ता में वापसी की कामना कर चुके हैं।
पहली मुलायम सिंह यादव ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुलायम को आपत्ति इस बात पर है कि उनके बेटे अखिलेश यादव ने चुनाव से पहले ही आधी से ज्यादा सीटों पर अपनी दावेदारी आखिर कैसे छोड़ दी। यूपी से इस समय सपा के सात सांसद हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी का एक भी सांसद नहीं है। मुलायम ने सपा-बसपा गठबंधन पर सवाल उठाकर एक तरह से अपने छोटे भाई और अखिलेश के विरोधी शिवपाल यादव के सुर में सुर मिलाया है जिन्होंने अलग पार्टी बनाकर सपा के खिलाफ बिगुल फूंका हुआ है। जब 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था तब भी मुलायम सिंह ने सवाल एतराज जाहिर किया था।
इतना ही नहीं वो शिवपाल यादव, अपर्णा यादव और पारसनाथ यादव की सीट को छोड़कर किसी भी अन्य सीट पर प्रचार करने नहीं गए थे। पहला मौका नहीं है जब मुलायम ने अखिलेश यादव को अपने बयान से असहज किया है। इससे पहले 16वीं लोकसभा के आखिरी दिन मुलायम ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबके साथ मिलजुलकर काम किया है, सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया है। समाजवादी पार्टी कार्यालय में इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हार्दिक पटेल ने समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव से भी भेंट की। उन्होंने मुलायम सिंह यादव का आशीर्वाद भी लिया।