नई दिल्ली: चुनाव आयोग द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब हनुमान जी की शरण में हैं. बुधवार को वह अयोध्या में रामलला और हनुमान गढ़ी में दर्शन-पूजन करेंगे. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी कार्यक्रम के मुताबिक योगी हेलीकॉप्टर से अयोध्या पहुंचेंगे. दोपहर वह मणिराम दास छावनी में महंत नृत्य गोपाल दास से मुलाकात करेंगे. वह दिगंबर अखाड़े पर पहुंचकर वहीं भोजन करेंगे. इसके बाद हनुमान गढ़ी में दर्शन करने के बाद वह रामलला के दर्शन करने जाएंगे. सुग्रीव किला भी जाएंगे. इसके बाद वह सरयू घाट पर पूजा करने के बाद देवीपाटन के लिए रवाना होंगे. वहीं पर रात्रि विश्राम भी करेंगे। बता दें, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चुनाव प्रचार करने पर 72 घंटे की रोक लगाई गई थी.
आयोग के प्रतिबंध के बाद मुख्यमंत्री प्रचार तो नहीं कर रहे लेकिन हनुमान मंदिर में दर्शन जरूर कर रहे हैं. मंगलवार को लखनऊ में बजरंगबली के दर्शन करने के बाद अब वह अयोध्या जा रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार की सुबह राजधानी के हनुमान सेतु स्थित बजरंग बली के मंदिर में पूजा अर्चना की थी. अचानक सुबह बजरंग बली के मंदिर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी को देखकर लोगों ने जय गोरखधाम और बजरंगबली की जय के नारे लगाने शुरू कर दिए. योगी ने मंदिर में करीब 25 मिनट रुककर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना की और श्रद्धालुओं के साथ बैठकर आँख बंद करके हनुमान चालीसा का पाठ किया. योगी ने हनुमान सेतु पर मौजूद मीडिया से कोई बात नहीं की और मुस्कुराते हुए वापस लौट गए. हनुमान सेतु मंदिर पर पूजा पाठ के बाद योगी ने वहां मौजूद मीडिया से कोई बात नहीं की.
मीडिया के सवालों पर वे सिर्फ मुस्कुराते रहे. चुनाव आयोग ने आदर्श चुनाव आचार संहिता को लेकर योगी पर तीन दिन चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा रखी है. यह रोक मंगलवार को सुबह शुरू हई थी. लखनऊ सीट से भाजपा के प्रत्याशी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नामांकन किया था लेकिन मुख्यमंत्री योगी इस नामांकन जुलूस और कार्यक्रम मे शामिल नहीं हुये, जबकि पहले उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होना था. योगी की नगीना और फतेहपुर सीकरी में मंगलवार को प्रस्तावित चुनावी रैलियों को निरस्त कर दिया गया. योगी ने मेरठ की चुनावी रैली में कहा था, ‘अगर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा को अली में विश्वास है तो हमें भी बजरंगबली में विश्वास है.’ इस बयान पर ही चुनाव आयोग ने कार्रवाई करते हुए उन पर प्रचार करने पर बैन लगाया था.