शिमला: भाजपा के मंत्री अनिल शर्मा का पुत्र प्रेम जाग चुका है. जी हां, उन्होंने कहा है कि वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे बेटे के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. मामला हिमाचल प्रदेश का है जहां भाजपा की सरकार है. इस सरकार में वे विद्युत मंत्री हैं. अनिल शर्मा ने कहा है कि वह अपने बेटे आश्रय शर्मा के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. उनके बेटे आश्रय शर्मा को मंडी से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित किया गया है. शर्मा को टिकट दिए जाने के एक दिन बाद अनिल शर्मा ने कहा कि वह अपने बेटे के खिलाफ प्रचार नहीं करेंगे. सुखराम के बेटे अनिल शर्मा मंडी विधानसभा से भाजपा विधायक हैं.
मंडी विधानसभा क्षेत्र के अलावा 16 अन्य विधानसभा क्षेत्र मंडी संसदीय क्षेत्र में पड़ते हैं. मंडी लोकसभा सीट के अंतर्गत एक विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक होने की वजह से अनिल शर्मा से भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप शर्मा के समर्थन में और कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार किये जाने की उम्मीद की जा रही थी. अनिल शर्मा ने कहा, ‘‘मैंने मेरे पिता सुखराम और बेटे के 25 मार्च को कांग्रेस में फिर से शामिल होने के बाद भाजपा नेतृत्व को पहले ही बता दिया था कि यदि कांग्रेस आश्रय को टिकट देती है तो मैं उनके खिलाफ प्रचार नहीं करूंगा. इस बारे में सवाल किये जाने पर हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा, ‘‘आप लोग क्यों इस मामले के पीछे पड़े हुए हैं?
यह उनके (अनिल शर्मा के) परिवार का मामला है. उन्होंने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि क्या करना है.श् अनिल शर्मा ने कहा, ‘‘मैं मंडी के अलावा अन्य सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने के लिए तैयार हूं. शर्मा 1993 और 2012 में राज्य में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकारों के दौरान मंत्री थे लेकिन अक्टूबर 2017 में विधानसभा चुनाव से पहले वह अपने पिता के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे. आश्रय मंडी से भाजपा का उम्मीदवार बनना चाहते थे लेकिन भाजपा ने मौजूदा सांसद रामस्वरूप को टिकट दे दिया जिसके बाद आश्रय अपने दादा के साथ फिर से कांग्रेस में शामिल हो गये.