नई दिल्ली। राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव चै0 लौटन राम निषाद ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा दुष्प्रचार कराकर सपा-बसपा का गठबन्धन तुड़वाने का षड़यंत्र कर रही है। भाजपा मीडिया ट्रायल कराकर इस झूठे प्रचार में जुटी है कि सपा के बेस वोटर ने सपा का साथ दिया। लेकिन बसपा वोटर सपा प्रत्याशी के साथ नहीं जुटे, जो बिल्कुल झूठा प्रचार है। सपा व बसपा का आधार वोट इंमानदारी के साथ एक-दूसरे के प्रत्याशी के साथ शिफ्ट हुआ। उन्होंने सपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से संयम व धैर्य रखने की अपील करते हुए कहा कि वे भाजपा के षड़यंत्र में न पड़ आपसी गठबन्धन की मजबूती के लिए प्रयास किये काम में जुटे हैं। उन्होने कहा कि भाजपा ने प्रशासनिक दबाव बनाकर गुण्डई की बदौलत चुनाव जीता है न कि जनता के जनादेश से।
श्री निषाद ने अमेठी जनपद में पूर्व प्रधान सुरेन्द्र प्रताप सिंह व गाजीपुर के जिला पंचायत सदस्य विजय यादव की हत्या काण्ड की सी.बी.आई. जांच कराये जाने की मांग किया है। उन्होने कहा कि सुरेन्द्र प्रताप सिंह की हत्या भाजपा के लोगों ने ही चुनाव में गड़बड़ी का राज खुलने के डर से किया है। उन्होने कहा कि सपा सरकार को जंगल राज व गुंडा राज का आरोप लगाने वाली भाजपा व योगी आदित्य नाथ के राज में हत्या, बलात्कार, डकैती, राहजनी व जातिवाद का आलम कायम हो गया है। श्री निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री पद का दावेदार घोषित होने के बाद 11 अक्टूबर 2013 को नरेन्द्र मोदी ने माता अमृतानन्दमयी देवी जी के कोच्चि स्थिति अमृता कुटीरम आश्रम मंे कहा था कि मैं पिछड़ी जाति का हूं और राजनीति में बहुतों के लिए अछुत हूं। लेकिन अगला 10 वर्ष पिछड़ों व दलितों को होगा। पर, पी.एम. बनने के बाद मोदी की सरकार ने ओबीसी, एससी, एसटी, आरक्षण को निष्प्रभावी कर दिया है। संघ लोक सेवा आयोग-2016 की प्रतियोगी परीक्षा में चयनित 314 ओबीसी प्रतियोगियों को क्रीमिलेयर की नई परिभाषा जोड़कर डी.ओ.पी.टी. द्वारा बाहर कर दिया गया। पिछड़ा बनने वाले नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ों की पीठ में निर्ममता से सामाजिक अन्याय का छूरा भोंक दिया है। यहीं नहीं मोदी सरकार ने न्याय पालिका का सहारा लेकर आर.एस.एस. की मंशा के अनुसार 1994 के ओ.एम.आर. में बदलाव कर पिछड़ा-दलित-आदिवासी समाज को 49.5 प्रतिशत आरक्षण कोटे की सीमा में सीमित कर अघोषित तौर पर सामान्य वर्ग की जातियों को 50.5 प्रतिशत आरक्षण दे दिया। यहीं नहीं 72 घण्टे के अन्दर आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों को संविधान की व्यवस्था से परे जाकर 10 प्रतिशता आरक्षण दे दिया। श्री निषाद ने कहा कि लोक सभा चुनाव 2019 की चुनावी सभाओं के दौरान पी.एम. मोदी ने कहा कि मैं अतिपिछड़ी जाति का हूं। जबकि सच्चाई यह है कि गुजरात में अतिपिछड़ी जातियों की कोई सूची नहीं है।
उन्होने कहा कि यदि मोदी पिछड़ी या अतिपिछड़ी जाति के हैं तो ओबीसी की जातियों को कार्य पालिका के साथ-साथ विधायिका, न्यायपालिका व पदोन्नति में समानुपाती आरक्षण की व्यवस्था करने का कदम उठायें। उन्होने जस्टिस रोहिणी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग उप वर्गीकरण जांच आयोग व उ0प्र0 की जस्टिज राघवेन्द्र कुमार की अध्यक्षता वाली उ0प्र0 पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति की सिफारिशों के संदर्भ में कहा कि भाजपा ने पिछड़ी जातियों ने नफरत की भावना पैदाकर ओबीसी की ताकत को कमजोर करने के लिए ओबीसी को 03 श्रेणीयों में बांटने का अतिपिछड़ों को लाॅलीपाप दिखाया। यदि भाजपा व मोदी की मंशा ठीक हैं, तो ओबीसी को समानुपाती आरक्षण की व्यवस्था करने के बाद उपवर्गीकरण करने का कदम उठायें। उन्होने ओबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में दर्ज करने, बैकलाॅग भर्ती शूरू कर ओबीसी, एससी का कोटा पूरा करने की मांग किया है।