ब्रेकिंग:

निर्भया केस: फांसी का तीसरी तारीख भी टली, कोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक

लखनऊ। निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी पर पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। पुराने डेथ वारंट के अनुसार सभी दोषियों को मंगलवार सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी थी। कोर्ट के फैसले के बाद फिलहाल यह टल गई है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषी पवन ने याचिका दाखिल करके कहा है कि उसकी दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है इसलिए उसकी कल होने वाली उसकी फांसी की सजा पर रोक लगाई जाए। वहीं, होम मिनिस्ट्री ने बताया है कि राष्ट्रपति के पास भेजने जाने के लिए दोषी पवन की याचिका मिल गई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने पवन गुप्ता की नई याचिका के दौरान दोषी के वकील सिंह की यह कहते हुए खिंचाई की, ‘आप आग से खेल रहे हैं, आपको सतर्क रहना चाहिए। किसी के द्वारा एक गलत कदम, और आपको परिणाम पता हैं।’ सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने कहा कि दया याचिका दायर होने के बाद गेंद अब सरकार के पाले में है और न्यायाधीश की फिलहाल कोई भूमिका नहीं है। प्राधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति जेल प्रशासन से पवन की दया याचिका पर एक स्थिति रिपोर्ट मांगेंगे और जब वह होगा, उससे फांसी की तामील पर स्वत: ही रोक लग जाएगी।

वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन कुमार गुप्ता की याचिका खारिज कर दिया था। यह याचिका पवन की क्यूरेटिव याचिका थी। पवन के वकील ने याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने पवन की सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज किया था।

शीर्ष अदालत ने कहा, ‘फांसी पर रोक की अर्जी खारिज की जाती है। सुधारात्मक याचिका खारिज की जाती है।’ पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण शामिल थे।

पवन कुमार ने सुधारात्मक याचिका में मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदलने की अपील की थी। उसने मृत्यु होने तक दोषी को फांसी पर लटकाने के लिए निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की भी गुहार की थी। निचली अदालत ने 17 फरवरी को नया फरमान जारी कर चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार की फांसी मंगलवार की सुबह छह बजे मुकर्रर की थी।

राष्ट्रपति अन्य तीन दोषियों मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका पहले ही खारिज कर चुके हैं। इससे पहले मुकेश और विनय ने अपनी याचिकाओं को खारिज करने के राष्ट्रपति के फैसले को उच्चतम न्यायालय में अलग-अलग चुनौती दी थी, जिन्हें शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि 16-17 दिसंबर 2012 की रात फिथिजियोरेपी की 23 वर्षीय छात्रा से दक्षिणी दिल्ली में चलती बस में सामूहिक बलात्कार किया गया था और लगभग 15 दिन बाद मौत हो गई थी। बाद में निर्भया नाम दिया गया था। छठे आरोपी राम सिंह ने मामले की सुनवाई शुरू होने के बाद कथित रूप से तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी। वहीं, किशोर को तीन साल सुधार गृह में रखने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।

Loading...

Check Also

10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने सुरक्षा ‘कवच’ को तोड़ने की कोशिशें कीं : प्रियंका गांधी

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : लोकसभा में अपने पहले भाषण में कांग्रेस सांसद …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com