दुनिया ने शुक्रवार को मंगल ग्रह पर उतरते रोवर की पहली तस्वीर देखी। नासा ने लाल ग्रह के धूल भरे सतह पर उतरते रोवर की ‘विस्मित’ करने वाली तस्वीर जारी की। यह तस्वीर ‘पर्सविरन्स’ रोवर के मंगल ग्रह पर प्राचीन नदी के डेल्टा पर उतरने के 24 घंटे से भी कम समय में जारी की गई है।
यह रोवर प्राचीन जीवन के निशान को तलाश करेगा एवं एक दशक में धरती पर लाल ग्रह के चट्टान के प्रमाणिक नमूनों को लाने का भी प्रयास करेगा। नासा ने इस अंतरिक्ष यान में तस्वीर लेने के लिए 25 कैमरे लगाए गए हैं जबकि आवाज रिकॉर्ड करने के लिए दो माइक्रोफोन भी इसमें लगे हैं जिनमें से कई ने बृहस्पतिवार को सतह पर उतरने के दौरान काम करना शुरू दिया है।
रोवर ने दो मीटर की दूरी से जमीन की असामान्य तौर पर बहुत साफ तस्वीर भेजी है जिसमें वह केबल के जरिये स्काई क्रेन से जुड़ा हुआ है और रॉकेट इंजन की वजह से लाल धूल उड़ रही है। कैलिफोर्निया के पेसाडेना स्थित नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी ने वादा किया है आने वाले कुछ दिनों में और तस्वीरें जारी की जाएंगी और संभवत: रोवर के उतरने के दौरान रिकॉर्ड आवाज भी सुनने को मिलेगी।
फ्लाइट सिस्टम इंजीनियर एरन स्तेहुरा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” यह कुछ ऐसा है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा। यह चौंका देने वाली थी, टीम विस्मित थी। वहां जीत का भाव था कि हम इन तस्वीरों को कैद करने में सक्षम हुए और दुनिया के साथ साझा किया।” चीफ इंजीनियर एडम स्टेल्टज्नर ने कहा कि तस्वीर ‘खास’ है । जमीनी परिचालन की रणनीतिक मिशन प्रबंधक पॉवलिन ह्वांग ने कहा कि अबतक कई तस्वीरें मिली हैं। उन्होंने कहा, ”टीम शुरुआती तस्वीरों को देख खुशी से झूम उठी।” उ
प परियोजना वैज्ञानिक कैटी स्टाक मॉर्गन ने कहा कि तस्वीर इतने स्पष्ट हैं कि शुरुआत में उन्हें लगा कि वे एनिमेशन हैं। गौरतलब है कि पिछले सात महीने में मंगल के लिए यह तीसरी यात्रा है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात और चीन के एक-एक यान भी मंगल के पास की कक्षा में प्रवेश कर गए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा।
‘पर्सविरन्स’ नासा का अब तक का सबसे बड़ा रोवर है और 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है। चीन ने अपने मंगल अभियान के तहत ‘तियानवेन-1’ पिछले साल 23 जुलाई को लाल ग्रह रवाना किया था। यह 10 फरवरी को मंगल की कक्षा में पहुंचा। इसके लैंडर के यूटोपिया प्लैंटिया क्षेत्र में मई 2021 में उतरने की संभावना है। यूएई का मंगल मिशन ‘होप’ भी इस महीने मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया है।