लखनऊ : नवगठित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। आयोग ने एक साथ भर्ती प्रक्रिया में सुधार, नई नौकरियों के लिए विज्ञापन और पुरानी सरकार में गठित आयोग द्वारा भर्तियों में की गई मनमानी की जांच कर हक से वंचित अभ्यर्थियों को न्याय दिलाकर बड़ी उम्मीद कायम की है।
आयोग ने अधूरी भर्तियों के इंटरव्यू का काम तेजी से शुरू किया है। पुरानी भर्तियों में वीडीओ के इंटरव्यू चल रहे हैं, कनिष्ठ लिपिक के इंटरव्यू का एलान हो गया है। नई भर्तियों में 692 पदों पर नए आवेदन आ चुके हैं, दूसरे नए विज्ञापन की तैयारी चल रही है।
इसके अलावा पूर्व में केवल आवेदन वाले पदों पर भी भर्ती तेजी से बढ़ाने पर काम चल रहा है। इससे भी बड़ी बात कि आयोग ने पिछली सरकार में मनमानी की वजह से हक से वंचित हुए अभ्यर्थियों में भरोसा लौटाने का काम किया है। जेई भर्ती में 107 अपात्र इंजीनियरों को बाहर कर पात्र को नौकरी दिलाने का काम किया है।
नवगठित अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने ग्राम विकास अधिकारी के 3133 पदों पर भर्ती के लिए नए सिरे से साक्षात्कार शुरू किया है। यह काम सात जून को पूरा हो जाएगा। दूसरी ओर विजिलेंस की जांच भी तेजी से चल रही है। सरकार का प्रयास है कि भर्ती की कार्यवाही और जांच से जुड़ा काम साथ-साथ पूरा हो। विजिलेंस की हरी झंडी मिली तो चयनित अभ्यर्थियों की सूची जून के अंत तक विभाग को भेजी जा सकती है।
योगी सरकार ने समूह ‘ग’ व समूह ‘ख’ के अराजपत्रित पदों पर भर्तियों से इंटरव्यू की व्यवस्था पहले ही खत्म कर दी थी। आयोग ने अपने स्तर से भी चयन प्रक्रिया में सुधार की पहल की है। पहले लिखित परीक्षा दो पालियों में होती थी। अब एक ही पाली में परीक्षा होगी और केवल दो घंटे का समय होगा। परीक्षा में 200 सवाल आएंगे और प्रत्येक प्रश्न के दो नंबर होंगे। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग (ऋणात्मक अंक) की व्यवस्था की गई है। दो प्रश्न गलत होने पर एक सही प्रश्न का अंक काटा जाएगा।