
मुंबई। मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी जमानत की शर्तों के अनुसार दो लाख रुपए का मुचलका भरने के बाद जमानत पर रिहा हो सकती हैं।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मुखर्जी (50) की जमानत मंजूर ली थी। मुखर्जी को हत्या को मामले में साढ़े छह साल पहले गिरफ्तार किया गया था। वह अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई के भायखला महिला कारागार में बंद हैं।
सीबीआई अदालत ने कहा कि पूर्व मीडिया कार्यकारी मुखर्जी को दो लाख रुपए का नकद मुचलका और समान राशि जमा करने में सक्षम जमानतदार मुहैया कराने पर रिहा किया जा सकता है। इस मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने मुखर्जी को जमानत पर रिहाई के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करने की हिदायत भी दी।
उसने मुखर्जी को जमानतदार मुहैया काने के लिए दो सप्ताह का समय दिया और जमानत की शर्तों का ‘‘ईमानदारी से पालन’’ करने का निर्देश दिया। मुंबई पुलिस ने मुखर्जी को अप्रैल 2012 में शीना बोरा की हत्या करने के आरोपों में 2015 में गिरफ्तार किया था। शीना इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थी। मुखर्जी की गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी।