इन दिनों थायरॉइड की समस्या से बड़ी संख्या में महिलाएं ग्रस्त हो रही हैं। जब भी थायरॉइड ग्लैंड में हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है तो यह समस्या होती है। वैसे तो इसे कंट्रोल करने के लिए रोज दवा का सेवन किया जाता है, लेकिन कुछ खास योगासन भी थायरॉइड की समस्या को दूर करने में मददगार होते हैं।
1. सर्वांगासन
इस आसन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाइए। इसके बाद अपने दोनों पैरों को ऊपर की तरफ कुछ इस कदर उठाइए कि जमीन से 90 डिग्री का कोण बन जाए। इसके बाद कमर को हाथों का सपोर्ट देते हुए कमर को ऊपर की ओर उठाएं और पैरों को सिर की ओर पीछे से धकेलें। इस अवस्था में पैर, पीठ और कमर सीधे तने होने चाहिए। अब पैरों की अंगुलियों को आसमान की तरफ खींचिए और अपनी आंखों को पैर की अंगुलियों पर केंद्रित रखिए। कुछ क्षण इसी अवस्था में रुकें। अब धीरे-धीरे पहले की अवस्था में वापस लौट आइए। अगर सर्वांगासन का नियमित रूप से अभ्यास किया जाए तो इससे थायरॉइड ग्रंथि बेहतर तरीके से काम करती है।
2. उज्जायी प्राणायाम
इस प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले किसी समतल स्थान पर पद्मासन या सुखासन की स्थिति में बैठ जाएं। इसके बाद नाक के दोनों छिद्रों से सांस को अंदर की ओर इस तरह खींचें कि हवा फेफड़ों में पूरी तरह भर जाए। अब इस अवस्था में कुछ क्षण रुकें। इसके पश्चात नाक के दाएं छिद्र को बंद करके बाएं छिद्र से सांस को बाहर निकालें। साथ ही सांस को अंदर और बाहर करते समय हल्के खर्राटों जैसी ध्वनि भी अवश्य निकालें। इस प्राणायाम में थायरॉइड ग्रंथि पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिसके कारण हार्मोन का असंतुलन ठीक होता है। इसी कारण उज्जायी प्रणायाम को थायरॉइड में बेहद लाभकारी माना गया है।
3. कपालभाति
कपालभाति का अभ्यास करने के लिए आप सिद्धासन, पद्मासन, वज्रासन या ध्यान मुद्रा में बैठें। अब शरीर को ढीला छोड़ें और सांसों को बाहर की तरफ छोड़ें। इस अवस्था में आपका पेट अंदर की तरफ जाएगा। ध्यान रखें कि कपालभाति में सांस को अंदर नहीं खींचा जाता, बस बाहर की तरफ धकेला जाता है। आप इस अभ्यास को लगातार तीस से चालीस बार करने की कोशिश करें। इसके बाद धीरे-धीरे इसकी गिनती और समय बढ़ाएं।
थायरॉइड को जड़ से खत्म करने के लिए रोज करें ये तीन योगाभ्यास
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