टोक्यो। टोक्यो ओलंपिक में मंगलवार का दिन भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा। हॉकी टीम के मेडल की दौड़ से बाहर होने के बाद अब गोलाफेंक और भालाफेंक में भारत की उम्मीदें टूट गई है। एशियाई रिकॉर्डधारी शॉटपुट (गोलाफेंक) खिलाड़ी तेजिंदर पाल सिंह तूर और भालाफेंक खिलाड़ी अन्नु रानी टोक्यो ओलंपिक में अपनी अपनी प्रतिस्पर्धा में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।
फाइनल के प्रबल दावेदार माने जा रहे तूर ओलंपिक क्वालीफिकेशन में ग्रुप ए में 13वें स्थान पर रहकर फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। उन्होंने जून में इंडियन ग्रां प्री में 21 . 49 मीटर के सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया था। वह ओलंपिक में पहले प्रयास में ही वैध थ्रो फेंक सके जो 19 . 99 मीटर का था । वह 16 प्रतियोगियों में 13वें स्थान पर रहे।
कंधे पर पट्टी बांधकर खेलने वाले तूर के दो प्रयास अवैध रहे। तूर दूसरे क्वालीफिकेशन (ग्रुप बी) से पहले ही बाहर हो गए। दोनों क्वालीफाइंग दौर में 21 . 20 मीटर पार करने वाले या कम से कम 12 प्रतियोगी फाइनल में पहुंचे। अन्नु रानी भाला फेंक स्पर्धा के फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी और 54.04 मीटर के निराशाजनक प्रदर्शन के साथ 14वें स्थान पर रही।
अन्नु ने 14 खिलाड़ियों के ग्रुप ए में 50.35 मीटर भाला फेंककर शुरुआत की और अपने दूसरे प्रयास में 53.19 मीटर की दूरी तय की। इस 29 वर्षीय एथलीट को 12 खिलाड़ियों के फाइनल में जगह बनाने के लिये बेहतरीन प्रदर्शन करने की जरूरत थी लेकिन वह 63 मीटर के स्वत: क्वालीफिकेशन संख्या के करीब भी नहीं पहुंच पायी।