केपटाउन । केपटाउन में खेले गए टेस्ट सीरीज के निर्णायक मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को सात विकेट से हरा दिया। इसके साथ ही मेजबान टीम ने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। इस हार के साथ ही भारत का दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली टेस्ट सीरीज जीतने का सपना भी टूट गया।
टीम इंडिया ने पहली पारी में 223 रन बनाए थे। जवाब में साउथ अफ्रीका 210 रन ही बना सकी। इसके बाद भारतीय टीम ने दूसरी पारी में 198 रन बनाते हुए 212 रन का लक्ष्य दिया था। इसका पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका टीम के लिए कीगन पीटरसन ने सबसे ज्यादा 82 रन की पारी खेली और टीम को मैच जिताया। सीरीज का पहला टेस्ट भारतीय टीम ने 113 रन से जीता था। यह मैच सेंचुरियन में हुआ था। इसके बाद जोहानिसबर्ग में खेले गए दूसरे टेस्ट में साउथ अफ्रीका ने सात विकेट से जीत दर्ज की थी।
आपको बता दें कि भारतीय टीम आठवीं बार टेस्ट सीरीज के लिए साउथ अफ्रीका गई थी, लेकिन एक भी मौके पर टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाई। इस दौरान सात भारतीय कप्तानों ने टीम की बागडोर संभाली। भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2010-11 के दौरे पर रहा था। तब धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने सीरीज 1-1 से ड्रॉ करवाई थी।
29 साल का सूखा बरकरार
टीम इंडिया को इस बार अफ्रीका में सीरीज जीतने के लिए प्रिय माना जा रहा था। सेंचुरियन टेस्ट जीतकर टीम ने इस बात को सही साबित भी किया, लेकिन इसके बाद जोहान्सबर्ग और केपटाउन में टीम मिली हार के चलते टीम सीरीज पर कब्जा नहीं जमा सकी। 1992 में भारत ने पहली बार अफ्रीका का दौरा किया था और अभी तक पिछले 30 सालों में वहां एक बार भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया है।
पीटरसन ने के लिए यादगार सीरीज
अफ्रीका की जीत में कीगन पीटरसन का बल्ला जमकर बोला। पहली पारी में 72 रन बनाने के अलावा दूसरी पारी में भी उनके बल्ले से 82 रन देखने को मिले। यह सीरीज इस युवा खिलाड़ी के लिए बहुत शानदार रही। छह पारियों में उन्होंने तीन फिफ्टी लगाई और 46 की औसत से 276 रन जोड़े। पीटरसन इस सीरीज के टॉप स्कोरर भी रहे।