भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि जनजातीय समाज जितना सशक्त होगा, ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ निर्माण की हमारी परिकल्पना उतनी ही मजबूत होगी। चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज की भोपाल यात्रा के पहले एक ब्लाग लिखा है, जिसमें जनजातीय समुदाय के विकास के लिए मोदी सरकार के अलावा राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया है। उन्होंने जनजातीय समुदाय के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहरायी है।
जनजातीय समुदाय के विकास के लिए वे और उनकी सरकार समर्पित है। शिवराज सिंह ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में जनजातियाें के हित संरक्षण के लिए केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी कदम उठा रही है। उन्होंने जनजातीय जननायक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि महानायक बिरसा मुंडा ने हमेशा गरीबों और जनजातीय के अभिमान के लिए संघर्ष किया और यह प्रसन्नता का विषय है कि उनकी जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया है और यह पूरे देश में मनायी जा रही है।
शिवराज सिंह ने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर जनजातीय विकास के लिए कार्य किया और यह क्रम उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद भी जारी रहा। मध्यप्रदेश में जनजातीयों के विकास के लिए बजट वर्ष 2003 में जो 747 करोड़ रुपए था, अब बढ़कर 8085 करोड़ रुपए हो गया है।
जनजातीय क्षेत्र में बिजली और सिंचाई आदि की सुविधाएं बढ़ायी गयी हैं। ऐसे क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम 2020 लागू किया गया है, जो आज से पूरे प्रदेश में लागू होगा1 भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम भोपाल की अंतिम हिंदू रानी और गौंड समुदाय से आने वालीं रानी कमलापति के नाम पर किया गया है। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय किया गया है। इस तरह से जनजातीय हित में अन्य कदम भी सरकार की ओर से उठाए गए हैं।