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कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ दिल्ली में खुले स्कूल

नई दिल्ली। दिल्ली में कोविड-19 वैश्विक महामरी के कारण लंबे समय से बंद स्कूल आखिरकार नौंवी से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए बुधवार को खुल गए और इस दौरान शहर में भारी बारिश के बीच हाथ में छाता लिए, मुंह पर मास्क लगाए छात्र स्कूल जाते नजर आए। राष्ट्रीय राजधानी के कुछ संस्थानों ने अब भी थोड़े समय तक छात्रों को परिसर में नहीं बुलाने का फैसला किया है। मौजूदा स्थिति का आकलन करने के बाद कुछ सप्ताह में खुल सकते हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले कम होने के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने गत शुक्रवार को घोषणा की थी कि एक सितम्बर से नौंवी से बारहवीं कक्षा तक के लिए स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान खोले जाएंगे। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट किया था कि किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा और इसके लिए अभिभावकों की अनुमति अनिवार्य होगी। पूर्वी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल के छात्र ने कहा, ” मैं अपने दोस्तों से मिलने को काफी उत्साहित हूं। यह नए तरीके का सामान्य जीवन है और हमें इसके साथ जीना सीखना होगा।”

छात्र ने कहा कि कोविड-19 के मद्देनजर सभी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भी स्कूल फिर से खोलने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इन दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि सभी की अनिवार्य रूप से ‘थर्मल स्क्रीनिंग’ हो, भोजनावकाश चरणबद्ध तरीके से हो, कक्षा में विद्यार्थियों के बीच उचित दूरी का पालन हो और आंगुतकों को आने से रोका जाए। प्राधिकरण ने कहा कि कोविड-19 निरुद्ध क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों, शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं होगी।

द्वारका के एक सरकारी स्कूल के छात्र ने कहा, ” ऑनलाइन कक्षाओं से स्कूल में आकर पढ़ना अधिक बेहतर है। संक्रमण का डर अब भी है, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि हम नियमों का उचित तरीके से पालन कर इससे खुद को सुरक्षित रखेंगे।” वहीं, द्वारका के ‘माउंट कार्मेल स्कूल’ की कम से कम एक महीने तक स्कूल खोलने की कोई योजना नहीं है, क्योंकि उसके सभी कर्मचारियों को अभी तक टीके नहीं लगे हैं। उसने अभी ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने का फैसला किया है।

‘माउंट कार्मेल स्कूल’ के डीन माइकल विलियम्स ने कहा, ” हम अभी स्कूल खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है और मेरे सभी कर्मचारियों को अभी टीके नहीं लगे हैं। हम अब भी वैश्विक महामारी के बीच हैं। हम कोई खतरा नहीं लेना चाहते। ऐसा कहा जा रहा है कि ‘जायडस-कैडिला’ ने 12 से 18 वर्षीय बच्चों के लिए टीके जारी किए हैं। मुझे लगता है कि और दो महीने रुक जाने में ही समझदारी है।”

शालीमार बाग का ‘मॉडर्न पब्लिक स्कूल’ भी बुधवार को फिर से खुल गया, लेकिन वह कोविड-19 के मद्देनजर बच्चों को बस सेवाएं मुहैया नहीं करा रहा है। वहीं, प्राधिकरण ने इस तथ्य की ओर भी ध्यान दिया था कि टीकाकरण और राशन वितरण जैसी गतिविधियां भी विभिन्न स्कूलों में चल रही है। उसने कहा कि इन गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने वाले क्षेत्र को उस क्षेत्र से अलग किया जाना चाहिए, जिसका उपयोग शैक्षणिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा।

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