अशाेक यादव, लखनऊ। । लखनऊ में कोरोना वायरस तेजी से बढ़ रहा है। आए दिन कोरोना के बढ़ते केस शासन प्रशासन समेत राजधानी वासियों में चिंता की स्थिति पैदा कर रहे हैं। मंगलवार को 1345 संक्रमित के बाद बुधवार को यह आंकड़ा 2181 पर पहुंच गया है। इनमें सबसे अधिक संक्रमित कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मिले हैं। 24 घंटे में 352 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसमें 1298 पुरुष और 893 महिलाएं शामिल हैं। लखनऊ स्टेट एसजीपीजीआई के करीब 20 डॉक्टर, नर्स अमित अन्य स्टाफ भी पॉजिटिव पाए गए हैं।
संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए 609 व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। वही, सर्दी जुखाम, बुखार जैसे हल्के लक्षणों पर जांच करवाने पर 396 व्यक्तियों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। बाहर से लौटे 134 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न शिक्षण संस्थानों से 39 व्यक्तियों की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
कोरोना संक्रमण में अलीगंज और चिनहट क्षेत्र में सबसे अधिक मरीज पाए गए हैं। यहां शंकर मित्रों का आंकड़ा लगातार दूसरे दिन भी 300 के पार है। अलीगंज में 315 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा चिनहट में 313, सरोजिनी नगर में 214, आलमबाग में 185, इंदिरा नगर में 174, सिल्वर जुबली में 165, नवल किशोर रोड पर 151, रेड क्रॉस में 79, तुरिया गंज में 70, ऐशबाग में 67, गोसाईगंज में 19, बख्शी का तालाब में 11 और गुडंबा में 11 व्यक्तियों की कोरोनावायरस की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
एनेस्थीसिया, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व ओपीडी के डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी और मरीज पॉजिटिव पीजीआई में 24 घण्टे के भीतर डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन समेत 20 कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इनमें तीन मरीज भी शामिल हैं। एनेस्थीसिया, पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी व ओपीडी के डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी और मरीज पॉजिटिव आए हैं। एपेक्स ट्रामा सेंटर के एक डॉक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
वहीं, पीजीआई के नेत्ररोग विभाग की ओपीडी के एक रेजिडेंट डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। बुधवार को ओपीडी को सेनीटाइज कराया गया। मरीजों और तीमारदारों के साथ डॉक्टर और अन्य स्टाफ को बाहर कर दिया गया। रेजिडेंट डॉक्टर को आइसोलेट कर दिया गया है।
डॉक्टर के सम्पर्क में आए दूसरे डॉक्टर, रेजिडेंट के अलावा स्टाफ की पहचान कर उनके नमूने लेकर कोरोना जांच करायी जा रही है। सैनेटाइज कराने के बाद सभी सेवाएं पूर्व की तरह शुरू की गईं। कोरोना मरीज बढ़ने को वजह से पीजीआई प्रशासन द्वारा कोरोना की आरटीपीसीआर जांच लेकर आने वाले मरीज उनके तीमारदारों को प्रवेश दिया जा रहा है।