राहुल यादव, लखनऊ। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने केंद्र व राज्य सरकार मनरेगा सम्बन्धी नीतियों पर सवाल करते हुए कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में भाजपा सरकार बनने के बाद से उसके बजट व रोजगार देने में निरन्तर गिरावट दर्ज हो रही चालू वर्ष में 48% रोजगार घटा है वही इसमें भ्र्ष्टाचार भी बड़ा है,मनरेगा श्रमिको के भुगतान में भी संकट आ रहा है,उन्होंने अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण परिवारों के समक्ष रोजी रोटी का संकट विकरालता की तरफ जा रहा है,उनकी क्रय शक्ति कम होने के कारण खर्च कम करने की वजह से आर्थिक मंदी बढ़ रही है,दूसरी तरफ ग्रामीणों को अनेक दुश्वारियो का सामना करना पड़ रहा है जबकि सरकार रोजगार व मनरेगा के मुद्दे पर लगातार झूठ के सहारे गुमराह कर सवालों के जवाब देने से बच रही है।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह जो कुछ भी देने का वादा करते वही जनता से छीन लेते है,कोरोना संकटकाल में जिस तरह कुशल व अकुशल कामगारों की अपने ग्रह प्रदेश में वापसी पर मनरेगा में काम देने की घोषणाएं पूरी तरह झूठी साबित हुई स्थित यह रही कि आवंटित बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 35% की कटौती करके ग्रामीण रोजगार को संकट ग्रस्त बनाने में कोई कसर नही छोड़ी आज यही कारण है कि मनरेगा बेहाल होकर लोगो को काम देने में असमर्थ हुई है वही जिनको काम मिल भी रहा है उनके भुगतान समय से नही हो रहे है।केंद्र सरकार ने कोरोना संकट काल मे ग्रामीण विकास मंत्रालय के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया जिससे ग्रामीणों की आमदनी का एक बड़ा माध्यम खत्म करने का षड्यंत्र करने में उसके द्वारा हिचक नही दिखायी जिससे बेरोजगारी का दर्द बढ़ता जा रहा है।उन्होंने कहा कि किसान,मजदूर बेरोजगार विरोधी भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की स्थिति और उसके हिसाब से ग्रामीण क्षेत्रों में आमदनी और मांग बढ़ाए जाने की जरूरत पर गम्भीरता दिखाने के स्थान पर सब कुछ उलट कर दिया। अजय कुमार लल्लू ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के धन में हुई कटौती से ग्रामीण रोजगार में भारी गिरावट से एक बड़ी आबादी के समक्ष बर्बादी का दरवाजा खोलकर चंद औद्योगिक घरानो के हवाले धन के केन्द्रीयकरण का मार्ग खोल दिया है।प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पिछले वर्ष के 19 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान के मुकबाले 14070 करोड़ करना यह साबित करता है कि ग्रामीणों की भलाई के लिए वह कुछ नही करना चाहती ।उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में सरकार रोजगार देने में पूरी तरह विफल साबित हो चुकी है,वह ग्रामीणों को को रोजगार नही देना चाहती उन्होंने सरकार की ग्रामीण विरोधी नीतियो पर हमला करते हुए कहा कि वह जनविरोधी नीतियों से बाज आकर रोजगार देने की दिशा में काम करे।
कोरोना संकटकाल में मनरेगा बजट में 35% की कटौती से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदहाल- अजय कुमार लल्लू
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