
अशाेेेक यादव, लखनऊ। कोरोना संकट के बीच 20 अगस्त से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर आज सर्वदलीय बैठक हुई। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सभी दलों से सत्र संचालन में सहयोग की अपील की।
बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना सहित कई अन्य मंत्री उपस्थित रहे। जबकि विपक्ष की तरफ से कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ’मोना’, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, सहित सपा, बसपा के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
सदस्यों को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, यह बैठक कोरोना महामारी के बीच विषम परिस्थितियों में बुलाई गई है। क्योंकि विधानसभा सत्र का आयोजन जरूरी है। श्री दीक्षित ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां कोरोना संकट के बीच विधानसभा का सत्र चलने जा रहा है।
सत्र को सफल बनाने के लिए सभी दल अपने संवैधानिक कर्तव्यों और दायित्वों का निर्वहन करेंगे तो अच्छा संदेश जाएगा। इससे पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान में केवल विश्वास मत के लिए विधानसभा की बैठक हुई है।
बता दें कि यूपी विधानसभा का मानसून सत्र 20 अगस्त से 3 दिन के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र की खास बात यह है कि सदन की कार्यवाही वर्चुअल होगी। कोरोना संकट को देखते हुए 65 वर्ष से अधिक विधायकों को वर्चुअल माध्यम से कार्यवाही में शामिल किया जाएगा। 65 वर्ष से कम उम्र के विधायकों को मास्क और ग्लव्स के साथ सदन में प्रवेश दिया जाएगा। 3 तीन के इस सत्र में करीब 16 अहम विधेयक पास कराने की तैयारी है।
सत्र के पहले यानी गुरुवार को हाल ही में कोरोना से मरने वाले मंत्रियों व विधायकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। कैबिनेट मंत्री कमला रानी व चेतन चैहान के साथ ही दो विधायक पारसनाथ यादव और वीरेन्द्र सिंह सिरोही की महामारी के चलते मौत हो चुकी है। यूपी विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि वर्तमान में पद पर रहने वाले दो मंत्रियों और दो विधायकों की मौत हुई हो।
कोरोना संकट के बीच बुलाए गए सत्र के लिए इस बार नियम भी बदले गए हैं। सत्र के दोरान विशेष नियम लागू रहेंगे। विधानसभा की लाॅबी और गलियारे में लोगों को खड़े होने की सख्त मनाही रहेगी। विस की कैंटीन में खाना व नाश्ता के लिए एक साथ 10 से अधिक सदस्यों को बैठने की अनुमति नहीं होगी। विपक्षी सदस्यों को वेल में विरोध दर्ज कराने के लिए झुंड में खड़े होने की इजाजत नहीं होगी।