लखनऊ। देश-दुनिया के होश फाख्ता करने वाले कोरोना वायरस से बचाव के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार तमाम इंतजामों में जुटी हुई है।
इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से यह भी निर्देश जारी किए गए हैं कि जो शख्स कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए की जा रही पहल में सहयोग नहीं करेगा, उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। योगी सरकार के इस निर्णय की सोशल मीडिया पर जमकर सराहना की जा रही है।
कोरोना वायरस से ग्रसित व्यक्ति की बीमारी छिपाने, सूचना न देने, अस्पताल में भर्ती न करवाने या जांच और भर्ती के लिए पहुंची टीम का सहयोग न करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
इसके अलावा कोरोना के रोकथाम और बचाव के प्रयास के लिए ‘आउटब्रेक रिस्पांस कमिटी’ भी गठित की गई है। मंडलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम ने शुक्रवार को समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।
मंडलायुक्त ने कहा है कि कोरोना वायरस का कोई भी संदिग्ध रोगी, पारिवारिक सदस्य या संपर्क में आया अन्य व्यक्ति अगर जांच नहीं करवाता है और जांच करने के लिए पहुंची टीम का सहयोग नहीं करता है, तो इसे बाधा डालकर माहौल खराब करने का आरोपी मानते हुए आईपीसी की धारा 188 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। इसके तहत छह माह तक की कैद, एक हजार रुपये जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।