अशाेक यादव, लखनऊ। तिकुनियां हिंसा मामले में तीन किसानों व एक पत्रकार की हुई मौत मामले में केंद्रीय मंत्री के पुत्र मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने रविवार को नाटकीय ढंग से रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर कर दिया। जिला जज की अनुमित से पुलिस ने उसे जिला कारागार भेज दिया। उसके चेहरे की रंगत उड़ी हुई थी। वह काफी परेशान दिख रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मिली जमानत रद्द करते हुए आशीष मिश्रा को एक हफ्ते में जिला अदालत में आत्मसमर्पण करने के आदेश दिए थे। यह समय सोमवार को पूरा हो रहा था।
तीन अक्तूबर 2021 को तिकुनियां में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई थी, जिसमें चार किसानों, एक पत्रकार और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत हुई थी। मृतक किसानों के परिवार वालों की तरफ से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया गया था। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने मुख्य आरोपी समेत 13 लोगों को जेल भेजा था।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 10 फरवरी को आशीष मिश्रा की सशर्त जमानत मंजूर कर ली थी। 128 दिन जेल में रहने के बाद आशीष जमानत मिलने पर 15 फरवरी को वह बाहर आया था। हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की जमानत रद्द कर दी थी और एक हफ्ते के अंदर जिला अदालत में सरेंडर करने के निर्देश दिए थे। यह अवधि सोमवार को पूरी हो रही थी।
इस पर अटकलें लगाई जा रहीं थी कि रविवार होने रे कारण आशीष सोमवार को ही अदालत में सरेंडर करेगा, लेकिन बड़े ही नाटकीय ढंग से आशीष ने रविवार को सरेंडर कर दिया। जिला जज की अनुमित मिलने के बाद पुलिस उसे दोपहर तीन बजकर 20 मिनट पर लेकर जिला कारागार पहुंची और जेल में दाखिल कर दिया। पुलिस की जीप से उतरते आशीष के चेहरे की रंगत गायब थी। उसके चेहरे पर परेशानी के भाव साफ झलक रहे थे।
किसान कृषि कानून और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र की किसानों को लेकर की गई टिप्पणी से नाराज थे। तीन अक्तूबर 2021 को केंद्रीय मंत्री के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित दंगल में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आ रहे थे। इसकी जानकारी होते ही हजारों की संख्या में किसान तिकुनियां पहुंच गए और काले झंडे लेकर प्रदर्शन करने लगे। किसानों ने उपमुख्यमंत्री के हेलीपैड पर भी कब्जा कर लिया था। इस पर प्रशासन उमपुख्यमंत्री को सड़क मार्ग से वाया बेलरायां होते हुए ले जाने लगा।
उपमुख्यमंत्री की अगवानी के लिए बनवीरपुर से बेलरायां की तरप जा रही गाड़ियों के काफिले में शामिल केंद्रीय मंत्री की थार गाड़ी से तीन किसानों व एक पत्रकार की कुचलकर मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और थार गाड़ी में आग लगा दी थी।