ब्रेकिंग:

किसानों से 11 दौर की वार्ता में कृषि कानूनों में संशोधन को लेकर कई प्रस्ताव रखे हैं: कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

अशाेक यादव, लखनऊ। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की है। नये कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता में कानूनों में संशोधन को लेकर सरकार ने एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं।

कृषि मंत्री ने यह भी दोहराया कि नये कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा । लोकसभा में एराजा, असदुद्दीन ओवैसी, केसुरेश, नुसरत जहां रूही, बदरूद्दीन अजमल, उत्तम कुमार रेड्डी, कनिमोई करूणानिधि और माला राय सहित कई सदस्यों के प्रश्नों के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जवाब दिया।

कृषि मंत्री से पूछा गया था कि ”क्या सरकार संसद द्वारा तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को पारित करने और कानून बनने से पहले किसानों और अन्य हितधारकों के साथ परामर्श करने में असफल रही ।” उनसे यह भी पूछा गया था कि ”क्या सरकार को नये कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसानों के पिछले दो महीने से प्रदर्शन करने की जानकारी है और उनके साथ वार्ता के बाद सरकार क्या उनकी जायज मांगों पर विचार करने के बारे में सोच रही है ।”

तोमर ने कहा, ”मुद्दे के समाधान के लिये सरकार एवं आंदोलनकारी किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई है और सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन के बारे में एक के बाद एक कई प्रस्ताव रखे हैं । उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने हाल ही में कृषि सुधार कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री ने कहा, ” पिछले कई वर्षों से कृषि सुधारों के संबंध में सभी पक्षकारों के साथ वार्ता की गई । ” उन्होंने कहा कि भारत सरकार कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों के लिये लगभग 2 दशकों से राज्यों के साथ सक्रिय रूप से गहनता से कार्य कर रही है । इसका उद्देश्य किसी भी समय और किसी भी जगह बेहतर मूल्य पर अपनी उपज की बिक्री करने के लिये पहुंच वाली मंडियों एवं बाधा मुक्त व्यापार की सुविधा प्रदान करना है।

तोमर ने स्पष्ट किया कि कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020 किसानों एवं प्रायोजकों के बीच किसानों की उपज के कृषि समझौते के लिये है, न कि किसानों की भूमि की संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) के बारे में। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के अध्याय 3 के खंड 15 में यह बताया गया है कि किसानों की कृषि भूमि के विरूद्ध किसी भी राशि की वसूली के लिये कोई भी कार्रवाई नहीं की जायेगी।

Loading...

Check Also

दिल्ली में बीजेपी और आप के खिलाफ लहर, कांग्रेस की बनेगी सरकार : अलका लांबा 

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा चुनाव में कालकाजी से अपनी उम्मीदवारी …

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com