मुंबई- एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी स्वाभिमान शेतकरी संगठन ने मोदी सरकार से नाता तोड़ा लिया है। संगठन के अध्यक्ष व सांसद राजू शेट्टी ने एनडीए गठबंधन ने बाहर निकलने की घोषणा की है। शेट्टी ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताया है।
कृषि राज्यमंत्री सदाभाऊ खोत को पार्टी से बाहर करने के बाद शेट्टी ने संकेत दे दिया था कि संगछन सरकार से भी बाहर होगा। शेट्टी पिछले कई दिनों से कर्ज माफी और किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर राज्य की फडणवीस और केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चे खोले हुए हैं। शेट्टी ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को मंत्रिमंडल से खोत को बाहर करने और किसानों की मांगों के संबंध में पत्र लिखा था। उन्होंने आठ दिनों की भीतर में जवाब देने का समय सीएम को दिया था। सरकार की ओर से सामधान कारक जवाब नहीं मिलने से शेट्टी नाराज थे। पुणे में बुधवार को संगठन के पदाधिकारियों की बैठक हुई, इसके बाद शेट्टी ने एनडीए सरकार से बाहर निकलने की घोषणा की। संगठन के नेता और वस्त्रोद्योग मंडल के अध्यक्ष रविकांत तुपकर 4 सितंबर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।
मोदी सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए शेट्टी ने कहा कि उपज की वाजिब दर देने का आश्वासन देने के बाद भी मोदी सरकार ने वादाखिलाफी की है। शेट्टी ने कहा कि भाजपा के दिवंगत नेता गोपीनाथ मुंडे के मध्यस्थता के कारण उन्होंने एनडीए में शामिल होने का निर्णय लिया था। व्यवस्था विरोध की लड़ाई में ताकत कम पड़ रही थी, लिहाजा स्वाभिमान शेतकरी संगठन को साथ लिया गया। तीन साल तक कई टिप्पणियां सहने के बाद भी वे एनडीए में बने रहे, लेकिन सत्ता का कोई लाभ हमारे आंदोलन को नहीं मिला। किसान आंदोलन के दौरान हमारे उपर दर्ज किए गए मामले भी वापस नहीं लिए गए।
दिल्ली में दस्तक देगा 10 लाख किसानों का मोर्चा
खोत का हवाला देते हुए शेट्टी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन्हें हमने सत्ता में भेजा, वही हमें अपना नहीं मानते। शेट्टी ने कहा कि किसान आंदोलन अब वे दिल्ली तक ले जाएंगे। संसद के शीत सत्र में 10 लाख किसानों का मोर्चा जंतर-मंतर पर निकाला जाएगा। याद दिला दें कि शेट्टी की राज्य और देश में आत्मक्लेश यात्रा निकल चुकी है। संपूर्ण कर्ज माफी, उपज की वाजिब दर, रंगनाथन समिति की सिफारिशें लागू करने सहित विभिन्न मांग शामिल हैं।