अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में एसटीएफ और जिले की पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल एसटीएफ और पुलिस की संयुक्त टीम ने एक प्रिंटिंग प्रेस में अवैध रूप से छापी जा रहीं किताबें जब्त की हैं।
बताया जा रहा है कि यह सभी किताबें एनसीईआरटी की हैं और उनकी कीमत लगभग 35 करोड़ रुपए आंकी गई है। बताया जा रहा है कि फर्जी किताबें छापने का यह गोरखधंधा पिछले काफी दिनों से चल रहा था और इस प्रिंटिंग प्रेस में छपने वाली सभी किताबों की सप्लाई कई राज्यों में की जा रही थी, जिसमें उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान का नाम शामिल है।
इसके अलावा इन किताबों की सप्लाई उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में हो रही थी। इस छापेमारी के दौरान एसटीएफ और पुलिस की टीम ने 6 प्रिटिंग मशीनें भी जब्त की हैं। इस मामले को लेकर मेरठ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय साहनी का कहना है कि सुशांत सिटी के रहने वाले सचिन गुप्ता का परतापुर थाना क्षेत्र में गगोल रोड पर किताबों का गोदाम है।
जहां पर कई दिनों से अवैध तरीके से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की किताबों की छपाई हो रही थी और इन्हें आस पास के राज्यों में सप्लाई भी किया जा रहा था।
सूचना मिलने के बाद जब यहां छापेमारी की गई, तो मौके से एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया और साथ ही गोदाम से 35 करोड़ रुपए की किताबें भी बरामद की गई हैं। यह सभी किताबें एनसीईआरटी की हैं। जबकि इन किताबों की छपाई करने वाली 6 प्रिटिंग मशीने भी जब्त की गई हैं।
बताया जा रहा है कि इन किताबों की सप्लाई आर्मी स्कूल तक पहुंच चुकी थी। जिसके बाद शक होने पर आर्मी ने इसकी जांच अपने स्तर से गुपचुप तरीके से करवाई। वहीं जांच में पता चला कि यह सभी किताबें मेरठ के परतापुर में ही छापी जा रही हैं।
आर्मी इंटेलिजेंस इस पूरे मामले की तह तक पहुंच गई। जिसके बाद मामले की जानकारी एसटीएफ को दी गई। वहीं एसटीएफ ने मेरठ पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर सभी किताबों को जब्त कर लिया। यही नहीं छापेमारी के दौरान भी इस प्रिटिंग प्रेस में किताबों के छापने का काम किया जा रहा था। फिलहाल पुलिस ने गोदाम को सील कर दिया है।