सियोल। उत्तर कोरिया ने मंगलवार को समुद्र में कम से कम एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जिसे दक्षिण कोरियाई सेना ने पनडुब्बी से दागी जाने वाला हथियार बताया है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यभार संभालने के बाद यह उत्तर कोरियाई सेना द्वारा हथियारों के सबसे महत्वपूर्ण प्रदर्शनों में से एक है।
मिसाइल का परीक्षण ऐसे वक्त में हुआ जब कुछ घंटों पहले अमेरिका ने उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर कूटनीति बहाल करने की अपनी पेशकश दोहरायी। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि उसने उत्तर कोरिया के एक कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागे जाने का पता लगाया है जिसे उसने पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल माना है।
दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी सेनाएं इस प्रक्षेपण का करीबी विश्लेषण कर रही हैं। दक्षिण कोरियाई सेना ने बताया कि प्रक्षेपण समुद्र में किया गया लेकिन उसने यह नहीं बताया कि क्या यह समुद्र के नीचे से पनडुब्बी से दागी गयी या समुद्र की सतह से ऊपर से दागी गयी। जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने बताया कि उनके देश के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर कोरियाई ने दो बैलिस्टिक मिसाइल दागी हैं।
जापान के तटरक्षक बल ने जहाजों की सुरक्षा के लिए एक परामर्श जारी किया लेकिन अभी यह नहीं बताया कि मिसाइल कहां गिरी। उत्तर कोरिया ने इससे पहले पनडुब्बी से दागे जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण अक्टूबर 2019 में किया था। दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक की और प्रक्षेपण को लेकर ”गहरा खेद” जताया और कहा कि यह परीक्षण कूटनीति बहाल करने के प्रयासों के बावजूद किया गया है।
दक्षिण कोरिया की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया उत्तर कोरिया को आक्रोशित कर सकती है। उत्तर कोरिया सियोल पर उसके हथियार परीक्षणों की निंदा करने जबकि अपनी पारंपरिक सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने का आरोप लगाता रहा है। जापान के उप प्रमुख कैबिनेट मंत्री योशिहिको इसोजाकी ने कहा कि जापान ने बीजिंग में अपने दूतावासों के जरिए उत्तर कोरिया के समक्ष ”कड़ा विरोध” जताया है। जापान और उत्तर कोरिया के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं हैं।
उत्तर कोरिया ने कई महीने बाद सितंबर में अपने हथियारों का परीक्षण तेज कर दिया। उसने दक्षिण कोरिया को सशर्त शांति वार्ता का प्रस्ताव भी दिया था। कुछ दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उत्तर कोरिया के लिए विशेष दूत सुंग किम का, प्योंगयांग के साथ वार्ता बहाल करने की संभावनाओं पर, सियोल में अमेरिका के सहयोगियों के साथ वार्ता करने का कार्यक्रम है। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु वार्ता दो साल से अधिक समय से रुकी हुई है।
सुंग किम ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ”अमेरिका वार्ता बहाल करने के लिए लगातार प्योंगयांग से संपर्क कर रहा है। हमारी मंशा पहले की तरह है। हम लोकतांत्रिक कोरिया गणराज्य के प्रति कोई शत्रुपूर्ण मंशा नहीं रखते और हम बिना शर्तों के बैठक करने के लिए तैयार हैं। वार्ता के लिए तैयार रहने के बावजूद हमारी उत्तर कोरिया को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की भी जिम्मेदारी है।”