लखनऊ: समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रनेताओं नेहा यादव, रमा यादव एवं किशन मौर्या ने मुलाकात कर अपने साथ हुए पुलिसिया उत्पीड़न और अमानवीय व्यवहार की जानकारी दी. अखिलेश ने इस घटना को अलोकतांत्रिक और संवेदनहीन बताते हुए इसकी भर्त्सना की है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी छात्र नेताओं के संघर्ष में साथ है.
छात्र नेताओं ने कहा कि इलाहाबाद में 27 जुलाई को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लोकतांत्रिक तरीके से काला झंडा दिखाने पर उनके काफिले में शामिल पुरुष कमांडो और पुलिस ने बाल नोंचकर छात्राओं को लाठियों से पीटा. उसके बाद धूमनगंज पुलिस की गाड़ी में बैठाकर जंगल की तरफ ले जाकर सभी को उतारकर जान से मारने की धमकी देकर पीटने लगे. आशा ज्योति केंद्र में उन्हें रातभर रखा गया और सुबह महिला कांस्टेबल व महिला थाना इंचार्ज द्वारा फिर बाल नोंचकर अभद्र गालियां देते हुए कोर्ट ले जाया गया. रास्ते में भी पिटाई की गई. इसके बाद फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया.
विश्वविद्यालय में आरक्षण विरोधी एडमिशन प्रक्रिया पर लगे रोक
नेहा ने बताया कि उन पर अपराध संख्या 995/18 धारा 147/341/188/505 एवं 7 सीएल एक्ट लगाया गया. इसके अलावा बाहर उनके वीडियो को एडिट कर ‘अमित शाह वापस जाओ’ के नारे लगाने पर देशद्रोही बताने का भी कुचक्र रचा जा रहा है. भाजपा कार्यकर्ता घर पर हमला कर रहे हैं. छात्र नेताओं की मांग थी कि विश्वविद्यालय में आरक्षण विरोधी एडमिशन प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगे. प्रवेश के साथ होस्टल आवंटन हो जिन एससी/एसटी छात्रों से आरक्षण नियम के विरुद्ध फीस वसूली की जा रही है, उनसे आरक्षण नियम अनुसार फीस ली जाए. शोधार्थियों के होस्टल लेने पर एक ही फीस ली जाए.
पीड़ित छात्र नेताओं ने मांग की है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज करने, उन पर लाठियां चलाने वाले कमांडो-पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई कर बर्खास्त किया जाए. भाजपा के जिन लोगों ने आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया है, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो तथा वीडियो से छेड़छाड़ करने वालों पर मुकदमा कायम किया जाए.