मुंबई। इन दिनों 2000 रुपए के नोटों की तंगी से बैंकर और एटीएम ऑपरेटर परेशानी में पड़ गए हैं। उनका कहना है कि सर्कुलेशन में 2000 रुपए के नोटों की संख्या काफी कम हो गई है। भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से नए नोटों की सप्लाई में कमी आई है। माना जा रहा है कि हाई वेल्यू के नोटों का सर्कुलेशन घटाने के लिए जानबूझकर यह कदम उठाया जा रहा है।
भारतीय स्टेट बैंक के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर नीरज व्यास ने कहा है- अभी हमें भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से हाई वैल्यू करंसी में 500 रुपए के नोट मिल रहे हैं, जबकि 2000 रुपए के नोट हमारे काउंटर्स पर रीसर्कुलेशन से आ रहे हैं। आपको बता दें कि देश में भारतीय स्टेट बैंक के करीब 58 हजार एटीएम हैं। इनमें से बहुत से एटीएम की 2000 रुपए की कैसेट को 500 रुपए के हिसाब से कैलिबरेट किया गया है, ताकि एटीएम में अधिक कैश रखा जा सके।
बैंकरों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक 500 रुपए के नोट तो सप्लाई कर रहा है, लेकिन हाई वेल्यू करंसी के टोटल अमाउंट पर कंट्रोल रखने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई अब ऐसे लेवल पर पहुंच गई है, जिससे भारतीय रिजर्व बैंक असहज महसूस कर रहा है। इसी के चलते, हाई वेल्यू करंसी को काबू में रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक एक रणनीति के तहत 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई को कम कर रहा है।
आपको बता दें कि 8 नवंबर की रात को पीएम मोदी की तरफ से नोटबंदी की घोषणा कर दी गई थी, जिसके बाद 9 नवंबर से 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को अमान्य घोषित कर दिया गया था। सरकार की तरफ से इन नोटों को बदलने के लिए 30 दिसंबर तक का समय दिया गया था। इन पुराने नोटों के बदले सरकार ने 500 और 2000 रुपए के नए नोट जारी किए थे। सरकार ने यह कदम कालेधन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया था।