विजयवाड़ा: अदालती आदेश और पुलिस की चेतावनी के बावजूद तटीय आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में संक्रांति के दौरान कॉकफाइट के निरंतर जारी रहने से लोगों ने करोड़ों रुपये कमाए। आज त्योहार के दूसरे दिन कृष्णा, गुंटूर, ईस्ट गोदावरी और पश्चिम गोदावरी जिलों में कॉक फाइट का आयोजन किया गया। कानून प्रवर्तन अधिकारियों का मजाक उड़ाते हुए आयोजकों ने विशेष टेंट लगाए, खुले स्थानों पर बैरिकेड लगाए, एलईडी स्क्रीनें लगाई गईं और विशेष रूप से नस्ल वाले मुर्गों को छोटे चाकूओं व ब्लेड से उनके पैरों को बांधकर लड़वाया गया। यह लड़ाई दो में से एक की मौत के बाद समाप्त होती है। महिलाओं और बच्चों समेत बड़ी संख्या में लोग कॉकफाइट देखने के लिए जुटे थे, जिसे वे किसानी के त्योहार के हिस्से के रूप में मानते हैं। हैदराबाद, बेंगलुरू और अन्य शहरों से आए बाजी लगाने वालों ने मुर्गो पर दांव लगाया। बाजी लगाने वाले किसी भी मुर्गे पर 25 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक दांव लगा सकते हैं।
पहले की तरह, विधायकों सहित राजनेताओं ने कॉक फाइट को प्रोत्साहित किया, जबकि कुछ ने इन कार्यक्रमों का उद्घाटन भी किया। जमीनी स्तर पर पुलिस की चेतावनी का कोई असर दिखाई नहीं दिया, क्योंकि आयोजकों को व्यवस्था करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। पुलिस अधिकारियों ने कुछ स्थानों पर इस शर्त के साथ कॉक फाइट की अनुमति दी थी कि वे पारंपरिक तरीके से बिना मुर्गो को चाकू बांधे इसका आयोजन करेंगे, लेकिन इस अनुरोध का खुलेआम उल्लंघन किया गया। आयोजकों ने भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बाउंसर तैनात कर रखे थे और बाड़ की व्यवस्था भी की गई थी। कुछ स्थानों पर उन्होंने शराब की व्यवस्था की थी। कार्यक्रम स्थल के पास स्थापित खाने-पीने के स्टालों ने अच्छा-खासा कारोबार किया। पुलिस महानिदेशक आर.पी. ठाकुर ने सभी 13 जिलों के पुलिस अधीक्षकों को कॉक फाइट और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकने के निर्देश दिए थे।