वाशिंगटन: अमेरिका के एक सीनेटर ने जम्मू-कश्मीर के मौजूदा हालत को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. सीनेटर और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने शनिवार को कहा कि अमेरिका इस मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने के लिए यूएन की नीतियों का समर्थन करेगा. बता दें कि पांच अगस्त से लेकर अब तक मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में हालात को काबू में रखने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. 77 वर्षीय सीनेटर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि घाटी से संचार साधनों पर लगे प्रतिबंध को तुरंत प्रभाव से हटाना चाहिए. कश्मीर में जिस तरह के हालात हैं मैं उससे काफी चिंतित हूं. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकत कर कश्मीर के मुद्दे पर अपनी बात रखी थी.पीएम मोदी ने फ्रांस के शहर बिआरित्ज में G7 Summit के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी. इस दौरान पीएम ने कहा था कि भारत और अमेरिका दोनों ही देश साथ मिलकर लोगों की भलाई के लिए क्या काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा करते रहते हैं. मानव के लिए, प्रगति के लिए किस तरह से काम कर सकते हैं. इस पर अक्सर चर्चा होती रहती है. भारत और अमेरिका की कई क्षेत्रों में आगे बढ़ने की दिशा में काम करने की कोशिश कर रहे हैं. अमेरिका ने भारतीय समुदाय को जिस तरह से आदर और सम्मान दिया है, उसके लिए मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रशासन का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं.पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान को गरीबी, अशिक्षा और बीमारी के खिलाफ लड़ना है, हम दोनों देश लोगों की भलाई के लिए काम करें, मैंने ये संदेश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को दिया है. भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को लेकर मेरी अमेरिकी राष्ट्रपति से चर्चा होती रहती है.
पीएम मोदी ने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के सारे विषय द्विपक्षीय हैं और इसीलिए हम अपने विषयों के लिए किसी भी देश को कष्ट नहीं देते हैं. हम मिलजुलकर समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. 1947 से पहले हम एक ही देश थे. बातचीत के दौरान पीएम मोदी और ट्रंप का दोस्ताना अंदाज देखने को मिला. एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि हम दोनों को बात करने दीजिए, जब जरूरत पड़ेगी तो आप तक जानकारी जरूर देंगे. ट्रंप ने अपने प्रशासन की उपलब्धियों में पीएम मोदी को गिनाया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की अगुवाई में हम भारत के साथ बड़ी मात्रा में व्यापार कर रहे हैं. आपको बता दें कि पीएम मोदी और ट्रंप की बैठक ऐसे समय हुई थी, जब पांच अगस्त को भारत ने जम्मू कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा वापस ले उसे दो केंद्र शासित क्षेत्रों में विभाजित कर दिया था. संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किये जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था क्योंकि पाकिस्तान ने इस कदम को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता दिया था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है और पाकिस्तान को भी सलाह दी थी कि वह इस हकीकत को स्वीकार कर ले.