अब यह तो आप जानते ही हैं कि फरवरी के महीने में पुलवामा अटैक के बाद भारतीय वायु सेना द्वारा की गई बालाकोट स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के संबंध बहुत ही तनावपूर्ण हो गए थे. जहां पूरा देश सैन्य कार्रवाई के पक्ष में खड़ा दिखाई पड़ा, तो भारतीय क्रिकेट टीम ने भी अपने खास तरीके से अपनी भावनाओं का इजहार किया. यह तब देखने को मिला, जब भारतीय टीम ने मार्च में रांची में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच खेला, तो पूरी भारतीय टीम मैदान पर आर्मी कैप पर नजर आई. लेकिन भारतीय टीम का यह अंदाज पाकिस्तान को बिल्कुल भी नहीं भाया था और उसने आईसीसी से इसकी आधिकारिक तौर पर शिकायत की थी. हालांकि, बाद में आईसीसी ने साफ कर दिया था कि बीसीसीआई ने इसकी खास तौर पर इजाजत ली थी. बहरहाल, पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद ने वर्ल्ड कप में 16 जून को भारत के खिलाफ खेले जाने वाले मैच में ‘अलग ही अंदाज’ में भारत से बदला लेने का प्लान बनाया था, लेकिन पीसीबी के कारण उनका यह प्लान धरा का धरा रह गया. जहां दोनों देशों के तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद अभी भी यह चर्चा हो रही है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलना चाहिए या नहीं. हालांकि, वर्तमान परिस्थितियों में 16 जून को मैनचेस्टर में दोनों देशों के बीच मैच होता दिखाई पड़ रहा है. बता दें कि इसी बीच पाकिस्तानी कप्तान सरफराज अहमद ने टीम इंडिया के आर्मी कैप पहनने की प्रतिक्रियास्वरूप इस होने वाले मैच में कुछ अलग ही करना चाहते थे, लेकिन पीसीबी ने इस बात की इजाजत नहीं दी. दरअसल आर्मी कैप घटना का जवाब देने के लिए ही सरफराज ने पीसीबी से यह अनुरोध किया था. सर्फराज ने अनुरोध किया था कि वह खिलाड़ियों को अलग अंदाज में भारतीय विकेटों के जश्न मनाने की अनुमति दे.
यह ‘अलग अंदाज’ क्या था, यह तो पूरी तरह साफ नहीं हो सका, लेकिन पाकिस्तान टीम मैनेजमेंट ने इस ‘अलग अंदाज’ हासिल करने का अनुरोध जरूर किया था, लेकिन पीसीबी ने सरफराज अहमद के इस अनुरोध को ठुकरा दिया. पीसीबी चेयरमैन एहसान अली ने कहा, “हम वो नहीं कर सकते जो अन्य टीमें करती हैं. कई तरह से जश्न मनाया जा सकता है जैसा कि मिस्बाह उल हक ने लॉडर्स में मनाया था, वो भी सेना को नमन था, लेकिन विकेट गिरने पर कुछ अलग नहीं. रिपोर्ट के अनुसार पीसीबी ने सरफराज के अनुरोध पर इस तरह की बातों की बजाय पूरी तरह से क्रिकेट पर ध्यान लगाने को कहा. इससे पहले भी पाकिस्तानी पूर्व व वर्तमान खिलाड़ियों ने खेल में राजनीति लाने के लिए टीम इंडिया की आलोचना की थी. तब पीसीबी ने पहले ही यह साफ कर दिया था कि वे इस तरह की चीजें नहीं करने जा रहे हैं.