हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश को सभी देवताओं से पहले पूजने का प्रावधान है। गणेश पूजन के बाद ही शुभ कार्य आरम्भ किए जाते हैं। विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित है। यह पर्व हिन्दू धर्म के मानने वालों का मुख्य पर्व है। विनायक चतुर्थी को ‘गणेशोत्सव’ के रूप में श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। इस प्रकार मार्गशीर्ष माह में 11 दिसंबर 2018 को विनायक चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश जी विधिवत पूजा की जानी चाहिए। गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि आती है। जानिए कैसे करें विनायकी चतुर्थी पर श्रीगणेश का पूजन…
हर माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायकी चतुर्थी व्रत कहते हैं। कई स्थानों पर विनायक चतुर्थी को ‘वरद विनायक चतुर्थी’ के नाम से भी जाना जाता है। विनायकी चतुर्थी पर श्री गणेश की पूजा दोपहर-मध्याह्न में किए जाने का विधान है। इस दिन श्री गणेश का पूजन-अर्चन करना अति लाभकारी है। गणेश अराधना से घर में सुख-समृद्धि, धन-दौलत, आर्थिक संपन्नता की प्राप्ति होती है।
विनायकी चतुर्थी पर गणेश पूजा विधि
- ब्रह्म मूहर्त में उठकर नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें
- विनायकी चतुर्थी के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें।
- दोपहर पूजन के लिए अपने सामर्थ्य अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा या साधारण मिट्टी निर्मित गणेश प्रतिमा घर में स्थापित करें।
- संकल्प के बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की विधिवत पूजा करें।
सभी तरह की सामग्री से गणेश पूजन करें
- गणेश आरती करें।
- श्री गणेश की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं इससे मनोकामानएं पूर्ण होंगी।
- गणेश का प्रिय मंत्र- ‘ॐ गं गणपतयै नम:’ उच्चारण करते हुए 21 दूर्वा चढ़ाएं।
- श्री गणेश को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डुओं का ब्राह्मण को दान कर दें।
- 5 लड्डू श्री गणेश के चरणों में रखकर बाकी को प्रसाद स्वरूप बांट दें।
- पूजन के समय श्री गणेश स्तोत्र, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें।
- उपवास किया हो तो शाम के समय भोजन ग्रहण करें।
- शाम के समय गणेश चतुर्थी कथा सुनें।
- श्री गणेश की आरती करें तथा ‘ॐ गणेशाय नम:’ मंत्र की माला का जाप करें।