नई दिल्ली। सभी बैंक समय-समय पर अपने नियमों में बदलाव करते रहते हैं, लेकिन कई ग्राहक सही समय पर बदलावों से अवगत नहीं हो पाते और फिर उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है। यदि आप एसबीआई, पीएनबी या बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहक हैं तो आपके लिए बेहद जरूरी खबर हैं।
ये तीनों बैंक कुछ नियमों में बदलाव करने जा रहे हैं। ये नियम 1 फरवरी 2022 से सभी खाताधरकों के लिए लागू हो जाएंगे। हालांकि ये बैंक अपने खाताधारकों को नियम बदलने को लेकर कई बार जानकारी दे चुके हैं, लेकिन अभी भी कई ऐसे लोग हैं जिन्हें इन बदलावों के बारे में नहीं पता है। आइये नियमों में हुए बदलाव के बारे में जानते हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने ग्राहकों के लिए 1 फरवरी से चेक क्लीयरेंस से जुड़े नियमों में बदलाव करने जा रहा है। 1 फरवरी से चेक पेमेंट के लिए ग्राहकों को पॉजिटिव पे सिस्टम फॉलो करना होगा। इसका सीधा मतलब ये है कि अब ग्राहकों को चेक इश्यू करने के बाद उस चेक से संबंधित जानकारी बैंक को भेजनी होगी। ऐसा न करने पर आपका चेक क्लीयर नहीं होगा।
ग्राहकों की सुरक्षा के मद्देनजर बैंक ने यह फैसला लिया है। आप मैसेज, इंटरनेट बैंकिंग या एटीएम के माध्यम से भी बैंक को चेक की जानकारी दे सकते हैं। ये बदलाव केवल 10 लाख से ऊपर की रकम वाले चेक के लिए है। यदि आपने इससे कम रकम का चेक किसी को जारी किया है तो फिर आपको इस प्रोसेस से नहीं गुजरना होगा।
पंजाब नेशनल बैंक जो बदलाव करने जा रहा है उससे ग्राहक परेशानी में पड़ सकते हैं। पीएनबी ने जो नियम बदला है उसके तहत यदि आपके अकाउंट में पैसे न होने के कारण यदि आपकी किस्त या निवेश का डेबिट फेल हो जाता है तो आपको भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके लिए आप पर 250 रुपये की पैनल्टी लगाई जाएगी। अभी तक इसके लिए 100 रुपये का चार्ज लगता था। इसके अलावा यदि आप डिमांड ड्राफ्ट को कैंसिल या रद्द कराते हैं तो आपको 100 रुपये के बजाय 150 रुपये का दंड भरना होगा। ये सभी नियम 1 फरवरी से लागू हो जाएंगे।
वहीं अगर आप एसबीआई के ग्राहक हैं तो आपके लिए पैसे ट्रांसफर करना और महंगा होने जा रहा है। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार बैंक 1 फरवरी से आईएमपीएस (IMPS) ट्रांजेक्शन में एक नया स्लैब जोड़ने जा रहा है, जो 2 लाख रुपये से 5 लाख रुपये का है। अब 2 से 5 लाख रुपये के बीच बैंक से आईएमपीएस के माध्यम से पैसे भेजने पर ग्राहकों को 20 रुपये प्लस जीएसटी देना होगा।