नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने मंगलवार को अपने फेसबुक पेज पर सीएम नीतीश कुमार को लेकर एक पोस्ट लिखा. इस पोस्ट में उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि लगता है सीएम जी अपनी छवि या काम के बदौलत अपने बलबुते मुख्यमंत्री बनने लायक ताकत नहीं बना पाए हैं. यही वजह है कि अब BJP उनको ढोने को तैयार नहीं दिख रही है. उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा नीतीश कुमार पर अचानक आक्रामक क्यों हो गई है ! यह आक्रामकता क्या बग़ैर ऊपर के इशारे के मुमकिन है ! स्मरण है कि पिछले ईद में गिरिराज सिंह ने इफ़्तार पार्टी की एक तस्वीर ट्वीट की थी. उसमें नीतीश कुमार इस्लामी टोपी और गमछा में औरों के साथ नज़र आ रहे थे. नीतीश जी ने उसका बुरा माना था. उसके बाद ख़बर छपी थी कि भाजपा अध्यक्ष ने गिरिराज को फ़ोन पर चेताया था. शिवानंद तिवारी ने आगे लिखा कि इस बीच क्या परिवर्तन हो गया कि भाजपा के मंत्री से विधायक तक नीतीश कुमार पर हमलावर दिखाई दे रहे हैं !
भाजपा के लोग दावा कर रहे हैं कि विगत लोक सभा चुनाव में बिहार में भी जीत के पीछे नीतीश जी की छवि नहीं बल्कि मोदी जी का चेहरा था. इस दावे को ग़लत भी नहीं कहा जा सकता. विगत लोक सभा चुनाव संभवत: पहला ऐसा चुनाव था जिसमें नीतीश जी की ओर से चुनाव घोषणा पत्र नहीं छापा गया. चुनाव अभियान में भी नीतीश जी की सभा तुलनात्मक ढंग से छोटी होती थी. उनके भाषण का भी ज़्यादा हिस्सा मोदी जी के गुणगान में ही होता था. ऐसे में उत्साह में लबरेज़ भाजपा जब अपने मूल एजेण्डों को लागू करने का अभियान चला रही है तो नीतीश जी का बेसुरा राग उसे ग्राह्य नहीं हो रहा है. चाहे वह तीन तलाक़ का मामला हो या अनुच्छेद 370 को हटाने का या फिर नागरिक रजिस्टर तैयार करने का. हालाँकि तीन तलाक़ हो या अनुच्छेद 370, भाजपा को उनके विरोध से ज़्यादा असुविधा नहीं हो, नीतीश जी ने इसका ख़्याल रखा. विरोध में भाषण तो कराया लेकिन मतदान के समय अपने लोगों से बहिर्गमन करवा कर भाजपा के लिए सुविधा की स्थिति ही प्रदान कर दी थी. उन्होंने आगे लिखा कि मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश का पंद्रहवां वर्ष शुरू होने जा रहा है.
लेकिन इस बीच नीतीश जी अपनी छवि या काम के बदौलत अपने बलबुते मुख्यमंत्री बनने लायक ताक़त नहीं बना पाए. अब भाजपा उनको ढोने को तैयार नहीं दिख रही है. नीतीश जी के विषय में एक बात बहु प्रचलित है. वे बात को भूलते नहीं हैं. बोलने वाले को कभी न कभी ठिकाना लगा ही देते हैं. नरेंद्र मोदी जी के विषय में भी यही प्रचलित है. अब देखना है कि मोदी जी किस अंदाज से ‘ऑपरेशन’ करते हैं. गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा हो. इससे पहले बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के निधन पर सीएम नीतीश कुमार द्वारा राजकीय शोक की घोषणा करने पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता शिवानंद तिवारी ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर इसे लेकर एक पोस्ट लिखा था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पंडित जगन्नाथ मिश्र की मृत्यु पर नीतीश सरकार तीन दिनों का राजकीय शोक मना रही है. जगन्नाथ जी लालू जी के साथ चारा घोटाले में अभियुक्त रहे हैं. बल्कि इस घोटाले के तीन मामलों में उनको सज़ा मिल चुकी है. दो मामले में पांच-पांच वर्ष और एक मामले में साढ़े तीन वर्ष की सज़ा है. उन्होंने आगे लिखा था कि नीतीश जी अक्सर कहा करते हैं कि भ्रष्टाचार, अपराध और सांप्रदायिकता मेरे लिए असहनीय है. लालू जी के भ्रष्टाचार की दुहाई देकर महागठबंधन से अलग होने वाले नीतीश जी सजायाफ्ता व्यक्ति के लिए राजकीय शोक की घोषणा के द्वारा क्या भ्रष्टाचार को महिमा मंडित नहीं कर रहे हैं !