
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, चित्रकूट : विश्व जल दिवस के अवसर पर आज ग्रामोदय विश्वविद्यालय के ऊर्जा एवं पर्यावरण विभाग के प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने संयुक्त रूप से नदी सफाई और विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया। कुलगुरु प्रो भरत मिश्र के नेतृत्व में चित्रकूट की जीवन रेखा पवित्र सलिला मां मंदाकिनी के स्फटिक शिला घाट पर सफाई का कार्यक्रम किया गया । प्रभु श्री राम के वनवास काल के दौरान इन्द्र पुत्र जयंत द्वारा भगवती सीता के पैरों में चोंच मारा जाना एवं भगवान राम द्वारा उसे दंडित किया जाने का संदर्भ इस घाट की पौराणिकता का बताता है।

सफाई के दौरान इस घाट पर बड़ी मात्रा में नदी में प्लास्टिक की बोतलें, जूते,चप्पल, कपड़े, खाद्य अपशिष्ट इत्यादि पड़े हुए मिले। पुनश्च में नदी में लगातार खाद्य गंदगी एवं गंदा पानी जाने के कारण उसके कारण वहां पर यूट्रॉफिकेशन की समस्या के कारण शैवाल भी बहुत उगे हुए थे। ऊर्जा और पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष प्रो घनश्याम गुप्ता ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम करने का प्रमुख उद्देश्य जन जागरूकता फैलाना ही है।

श्री रामचरितमानस में इसका स्पष्ट उल्लेख है : क्षिति जल पावक गगन समीरा। पंच रचित अति अधम सरीरा।। जल की महत्ता इसी से समझी जा सकती है कि प्रकृति ने पूरे भूमंडल में तीन चौथाई भाग पानी को एवं एक चौथाई भाग भूमि को दिया हुआ है। हमारे शरीर में भी जल लगभग 70% होता है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है एवं प्रकृति में यह तीनों रूपों ठोस (बर्फ) द्रव (जल) एवं गैस (वाष्प) में पाया जाता है। डॉ. साधना चौरसिया, डॉ. ललित कुमार सिंह अध्यक्ष हिंदी विभाग, अजय कुमार मिश्र, सौरभ त्रिपाठी, अंजलि सोनी, अंजली शुक्ला, करन,रामगोपाल इत्यादि ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया ।

प्रो घनश्याम गुप्ता विभागाध्यक्ष ऊर्जा एवं पर्यावरण द्वारा विज्ञान संकाय के सभा कक्ष में विश्व जल दिवस पर वार्ता प्रस्तुत की गई।