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रेल मंत्री और अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड ने माघी पूर्णिमा स्नान से पूर्व मौजूदा भीड़ एवं रेलवे की तैयारियों की समीक्षा की

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, गोरखपुर / वाराणसी : भारतीय रेल भारी भीड़ के बावजूद, महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को लाने और वापस उनके घर पहुँचाने के लिये युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। एक दिन पहले मीडिया में आई एक गलत रिपोर्ट का खंडन करते हुये, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया के माध्यम से देश को बताया कि प्रयागराज क्षेत्र के आठ अलग-अलग स्टेशनों से लगभग 330 ट्रेनों ने 12 लाख 50 हजार यात्रियों को उनके घरों तक पहुँचाया गया है। भले ही भीड़ कम नहीं हो रही है, लेकिन भारतीय रेल इन स्टेशनों से सिर्फ 04 मिनट से कुछ ज्यादा समय में एक ट्रेन चलाकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि श्रद्धालुओं को पवित्र स्नान के बाद प्रतीक्षा न करनी पड़े। महाप्रबन्धक सम्मेलन कक्ष, गोरखपुर में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे श्री पंकज कुमार सिंह ने कहा कि पिछले छः वर्षों में किये गये इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार कार्यों के कारण महाकुम्भ-2025 के दौरान रिकॉर्ड संख्या में ट्रेनें चलाना सम्भव हो पाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 13 दिसम्बर, 2024 को बनारस-माधोसिंह-प्रयागराज खंड के दोहरीकरण परियोजना के अन्तर्गत गंगा नदी पर रेल पुल निर्माण सहित झूसी-प्रयागराज खंड का दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण का लोकार्पण किया गया था, जिसके फलस्वरूप रिकॉर्ड संख्या में ट्रेनों का संचलन सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि मेला विशेष गाड़ियों के संचलन हेतु पर्याप्त संख्या में रेक/कोचों की व्यवस्था की गई है, जिससे नियमित अन्तराल पर विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि मेला विशेष ट्रेनों के दोनों तरफ इंजन लगाये गये हैं, जिससे इंजन रिवर्सल में लगने वाले समय को बचाया जा सका है। पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 09 फरवरी, 2025 को पूर्वोत्तर रेलवे से/होकर 33 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गई थीं तथा 10 फरवरी, 2025 को 16.00 बजे तक पूर्वोत्तर रेलवे से/होकर 22 मेला विशेष ट्रेनें चलाई गईं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ में प्रयागराज रामबाग एवं झूसी स्टेशनों पर 1,000 से अधिक रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आर.पी.एस.एफ.) एवं रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) के जवानों एवं अधिकारियों को सुरक्षा हेतु तैनात किया गया है। साथ की इन स्टेशनों पर सुरक्षा के दृष्टिगत ड्रोन एवं 240 सी.सी.टी.वी. कैमरों के माध्यम से सर्विलांस किया जा रहा है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में वॉर रूम से मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके अतिरिक्त मंडल रेल प्रबन्धक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ झूसी एवं प्रयागराज रामबाग स्टेशनों की निगरानी कर रहे हैं।
माघी पूर्णिमा के अगले पवित्र अमृत स्नान से पूर्व, इन ट्रेनों की एक रेक एक ही यात्रा में औसतन 3,780 यात्रियों को अपनी सेवा दे रही है, जो दर्शाता है कि भीड़ कम नहीं हो रही है। अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड सतीश कुमार ने अधिकारियों से श्रद्धालु यात्रियों को कुशलतापूर्वक और पूरी क्षमता से सेवा देने हेतु क्षेत्रीय एवं मंडलीय रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक में स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने उल्लेख किया कि प्रयागराज जं. के साथ 07 अन्य स्टेशन प्रयागराज छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, प्रयागराज रामबाग एवं झूसी पूरी तरह कार्यारत हैं। निरन्तर भीड़ के बावजूद, प्रयागराज क्षेत्र के इन 08 स्टेशनों से विशेष तथा नियमित ट्रेनें पूरी क्षमता से चल रही हैं। किसी भी अमृत स्नान से दो दिन पूर्व और दो दिन पश्चात केवल एक स्टेशन प्रयागराज संगम को बंद करना एक नियमित प्रक्रिया है। सतीश कुमार ने जोर देकर कहा कि यह प्रयागराज जिला प्रशासन के सुझाव पर किया गया है और इससे पूर्व के पवित्र स्नानों और अमृत स्नान पर यह कदम उठाया गया था। उन्होंने मीडिया, भारतीय रेल के जनसम्पर्क के क्षेत्रीय और मंडल कार्यालयों से आग्रह किया कि वे विशेष रुप से आस-पास के इलाकों में कथित यातायात जाम को देखते हुए श्रद्धालुओं को महाकुम्भ शहर तक पहुँचने में सहायता करने के लिये अपने बड़े प्रयासों का प्रसार करें। सतीश कुमार ने कहा कि सोमवार दोपहर 03 बजे तक, प्रयागराज जं. सहित 08 स्टेशनों से 09 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को लेकर 201 से अधिक विशेष और नियमित ट्रेनें पहले ही रवाना हो चुकी थीं।
इससे पहले दिन में, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड सतीश कुमार ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को रेल भवन के वॉर रूम में प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे सेवाओं के सुचारू संचालन के बारे में जानकारी दी, जहाँ सभी रेलवे स्टेशनों से सी.सी.टी.वी. कैमरा फुटेज देखे जा रहे हैं। दोनों ने भीड़ को देखते हुये स्थिति की समीक्षा की और माघी पूर्णिमा के अगले अमृत स्नान से पहले रेलवे की तैयारियों पर चर्चा की। बाद में, अध्यक्ष, रेलवे बोर्ड ने मीडिया और आम जनता से महत्वपूर्ण प्रयागराज जं. पर सेवाओं के प्रभावित होने के बारे में कुछ मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान ना देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आठ रेलवे स्टेशनों पर जाकर तथ्यों को आसानी से सत्यापित किया जा सकता है, जहाँ महाकुम्भ के लोगों के साथ मेला विशेष ट्रेनें दिन-रात चल रही हैं। भारतीय रेल द्वारा एक सामान्य दिन में 330 ट्रेनें चलाना भारत के लोगों के प्रति उसकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह संख्या गत माह मौनी अमावस्या के दिन 360 ट्रेनें संचालित करने के समान लोगों की भीड़ अपने ऐतिहासिक स्तर पर थी।
यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक रेलवे स्रोतों का सन्दर्भ लें तथा भ्रामक जानकारी से बचें।

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