मुंबई। लगातार पांच साल तक घाटा झेलने के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बीते वित्त वर्ष 2020-21 में शुद्ध लाभ कमाया है। इक्रा रेटिंग्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बैंकों को अपने बांड पोर्टफोलियो पर अप्रत्याशित लाभ हुआ है, जिससे वे फिर लाभ में पहुंच गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेडिंग पर लाभ के अलावा पुरानी गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) पर निचले ऋण प्रावधान की वजह से भी बैंक मुनाफे में लौट पाए हैं। पिछले कुछ वर्षों के दौरान बैंकों को इसके लिए काफी ऊंचा प्रावधान करना पड़ा था। इक्रा रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है, ”कोविड-19 महामारी की शुरुआत से सरकारी बैंकों को अपने बांड पोर्टफोलियो पर ट्रेडिंग लाभ हो रहा है। रिजर्व बैंक द्वार मार्च, 2020 में रेपो दर में बड़ी कटौती के बाद बैंक बांड पर बड़ा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं। ”
मार्च, 2020 से मई, 2020 के दौरान रेपो दर में 1.15 प्रतिशत कर इसे चार प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर में 1.55 प्रतिशत की कटौती के साथ इसे 3.35 प्रतिशत पर लाया गया है। इक्रा रेटिंग्स के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 32,848 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों को 38,907 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।