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PM मोदी से कुमार विश्वास ने कहा- आप इन नमूनों से कहिए अपने सरकारी बंगलों में मगन रहें

नई दिल्ली: पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की अंतिम यात्रा में शामिल बीजेपी के कुछ नेताओं और मंत्रियों के हंसने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं. ऐसी तस्वीरों को देखकर कुमार विश्वास भड़क उठे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के ठहाके लगाने की तस्वीर वाली पोस्ट पर भड़ास निकाली. कुमार विश्वास ने ट्वीट किया-प्रधानमंत्री @narendramodi जी ! क्या ज़रूरी है कि ऐसे मंत्रीगण जांबाज शहीदों के शवों पर ठहाके लगाने के लिए भेजे ही जाएं ? आप इन नमूनों से कहिए अपने सरकारी बंगलों में मगन रहें, देश अपने शौर्य शहीदों का शोक स्वाभिमान के साथ स्वयं मना लेगा. दरअसल, मंत्री सत्यपाल सिंह मेरठ के शहीद अजय कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे थे.

इस दौरान वह बगल बैठे एक नेता के साथ ठहाके लगाते कैमरे में कैद हुए. उनका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिस पर केंद्रीय मंत्री को काफी आलोचना झेलनी पड़ी. शहीद अजय कुमार के घर पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल को भी उस वक्त फजीहत झेलनी पड़ी, जब जूते पहनकर बैठने पर शहीद के परिवारवालों ने नाराजगी जाहिर की थी. बाद में बीजेपी के नेताओं को माफी भी मांगनी पड़ी थी. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने की घटना के बाद से सरहद पर तनाव है. भारत और पाकिस्तानी सेना के बीच नियंत्रण रेखा पर बुधवार को भारी गोलीबारी हुई.

यह गोलीबारी जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पाकिस्तानी सेना और भारतीय सेना के बीच हुई.रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा कि शाम लगभग 6.30 बजे नौशेरा सेक्टर के कलाल क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना ने मोर्टार के साथ भारी गोलाबारी और छोटे हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी. अधिकारी ने कहा, “भारतीय सेना ने जोरदार और प्रभावी रूप से जवाब दिया. दोनों सेनाओं के बीच इसी सेक्टर में मंगलवार को भी गोलीबारी हुई थी.” जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं का सुरक्षा कवर हटा दिया. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी वाहिद मुफ्ती और पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल भी शामिल हैं.

माना जा रहा है कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है. आश्चर्य की बात है कि इस सूची में पाकिस्तान का समर्थन करने वाले अलगाववादियों सैयद अली शाह गिलानी और जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक का भी नाम शामिल है, जिन्होंने हमेशा कहा है कि उन्हें कोई सुरक्षा नहीं मिलती है. इसमें एक साल से जेल में बंद शाहिद-उल-इस्लाम और नइम खान का भी नाम है. राज्य के मुख्य सचिव बी. वी. आर. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समीक्षा बैठक में यह महसूस किया गया कि इन अलगाववादी नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराना राज्य के सीमित संसाधनों की बर्बादी है जिनका प्रयोग किसी अच्छी जगह पर किया जा सकता है.

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