अशाेक यादव, लखनऊ। उन्नाव के रहने वाले किसान ने शनिवार को लखनऊ में विधानसभा के सामने पहुंचकर खुद पर केरोसिन डाला और आग लगा ली। किसान को आग की लपटों में घिरता देख मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह उसे बचाया और झुलसे किसान को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक किसान आग लगने से 40 प्रतिशत तक झुलस गया है, फिलहाल उसक हालत खतरे से बाहर है।
इधर जब मामले की जानकारी अफसरों को हुई तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में उन्नाव के डीएम और एसपी लखनऊ पहुंच गए और पीड़ित से जाकर मुलाकात की। वहीं दूसरी ओर एसडीएम भी किसान के घर पहुंच गए। यहां अन्य परिवार वालों से जब आत्मदाह की वजह जानी तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। परिवार वालों ने पुलिस से लेकर प्रशासनिक अफसरों तक पर कई गंभीर आरोप लगाए।
हसनगंज कोतवाली के मलझा गांव के रहने वाले महेश रावत कुछ महीने पहले गांव में प्रधानी का चुनाव लड़े थे, उन्हें सिर्फ सात वोट मिले थे। उनके एक बीघा सात विस्वा भूमि पर कब्जा होने पर भाई सुखलाल से मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है। मौजूदा समय महेश लखनऊ के सहादतगंज में रहने लगे थे, बताया जा रहा कि मानसिक रूप से् परेशान होने पर परिजन उसका लखनऊ अस्पताल में इलाज करवा रहे थे।
भूमि विवाद न निपटने और पीएम आवास का खाते में रुपए न आने से परेशान वह चल रहे थे। आरोप है कि गांव के सचिव व वीडियो ने पीएम आवास का रुपये रुकवा दिए थे। पीड़ित ने प्रशासन की हीलाहवाली से तंग आकर शनिवार सुबह घर से निकल कर लखनऊ विधानसभा गेट पर पहुंच गया और वहां खुद पर केरोसिन डाल आग लगा ली।
आग के घेरे में लिपटा देखा मौजूद पुलिस कर्मियों किसी तरह उसे बचाया और इलाज के लिए उसे अस्पताल भेजा। मामले की जानकारी होते ही जिले के डीएम रवीन्द्र कुमार व एसपी दिनेश त्रिपाठी लखनऊ पहुंच गए। किसान के घर हसनगंज एसडीएम रामदत्त राम व पुलिस प्रशासन ने पहुंच कर मामले की छानबीन में जुटे हुए हैं।