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अब अमेरिका में पैदा होने वाले सभी बच्चों को नहीं मिलेगी यहां की नागरिकता और वर्क फ्रॉम होम भी बंद : ट्रम्प

सूर्योदय भारत समाचार सेवा, नई दिल्ली : अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी हो चुकी है. भारतीय समयानुसार, ट्रंप ने सोमवार रात (20 जनवरी) अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली ! पद संभालते ही उन्होंने कार्यकारी आदेशों की झड़ी लगा दी.

अपने फैसलों से ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन की कुछ प्रमुख नीतियों को पलटने का काम किया, तो वहीं दूसरी तरफ़ अपने एजेंडों को तेजी से लागू करने की दिशा में भी कदम बढ़ाया. ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान ही संकेत दे दिया था कि उनके कार्यकाल का पहला दिन सामान्य नहीं होने वाला है.

चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने फॉक्स न्यूज के होस्ट सीन हैनिटी से कहा था कि वह केवल पहले दिन तानाशाह होंगे और अपने राष्ट्रपति पद के अधिकारों का उपयोग दक्षिणी सीमा बंद करने और तेल ड्रिलिंग बढ़ाने के लिए करेंगे. ‘इसके बाद मैं तानाशाह नहीं रहूंगा,’ ट्रंप ने कहा था.

यहां तक ​​अब तक सामने आए सबसे महत्वपूर्ण कार्यकारी आदेशों और कार्रवाइयों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन पर ट्रंप ने सोमवार को हस्ताक्षर किए.

केवल दो जेंडर को मान्यता

ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के ज़रिये घोषणा की है कि अमेरिका में केवल दो जेंडर को मान्यता होगी- पुरुष और महिला. इसके अलावा, ट्रंप ने बाइडन प्रशासन के ऐसे दर्जनों आदेशों को रद्द कर दिया जो नस्लीय समानता को बढ़ावा देने और समलैंगिक तथा ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के खिलाफ भेदभाव को रोकने से जुड़े थे.

आदेश के अनुसार सरकार को ‘जेंडर’ के बजाय ‘सेक्स’ का उपयोग करने का निर्देश दिया गया है. इसके साथ ही, सरकारी पहचान दस्तावेज़ों, जैसे पासपोर्ट और वीजा, को केवल ‘व्यक्ति के अपरिवर्तनीय जैविक वर्गीकरण, यानी पुरुष या महिला’ के आधार पर जारी करने की अनिवार्यता लागू की गई है.

अब अमेरिका में पैदा होने वाले सभी बच्चों को नहीं मिलेगी वहां की नागरिकता

ट्रंप ने अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों को मिलने वाले जन्मसिद्ध नागरिकता पर सख्ती की घोषणा की है.

मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘संघीय सरकार अमेरिका में अवैध प्रवासियों के यहां जन्मे बच्चों की स्वचालित जन्मसिद्ध नागरिकता को मान्यता नहीं देगी. हम अवैध प्रवासियों की जांच और छानबीन को भी सख्त बनाएंगे.’ यह आदेश आज से 30 दिनों के भीतर लागू होगा.

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह जन्मसिद्ध नागरिकता को सीमित करेगा यदि किसी बच्चे के जन्म के वक्त ‘मां अमेरिका में अवैध रूप से थी और पिता अमेरिकी नागरिक या कानूनी स्थायी निवासी नहीं था.’ या ‘जब उस बच्चे की मां अमेरिका में कानूनी लेकिन अस्थायी रूप से निवास कर रही थी.’

जन्मसिद्ध नागरिकता, जो अमेरिकी भूमि पर जन्मे किसी भी व्यक्ति को नागरिकता की गारंटी देती है, 14वें संशोधन द्वारा संरक्षित है. इसे रद्द करने के प्रयास को तुरंत कानूनी चुनौती मिल सकती है.

ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से खींचा हाथ

ट्रंप ने अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन से बाहर निकलने के आदेश पर हस्ताक्षर किया है. ऐसा करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य ने हमें ठगा है, हर कोई अमेरिका को ठगता है. ऐसा अब और नहीं होने वाला है.’

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन  पर कोविड-19 महामारी और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संकटों को ठीक से न संभालने का आरोप लगाया. इस फैसले का मतलब यह है कि अमेरिका 12 महीने के भीतर विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग हो जाएगा और इसके काम के लिए सभी वित्तीय योगदान बंद कर देगा.

ज्ञात हो कि अमेरिका संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी का सबसे बड़ा वित्तीय सहायक है.

पेरिस समझौते से भी बाहर हुआ अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय ऊर्जा आपातकाल की घोषणा करते हुए पेरिस जलवायु संधि से हटने के प्रस्ताव पर भी हस्ताक्षर कर दिया है.

आदेश में कहा गया है, ‘मेरे प्रशासन की नीति अमेरिका और अमेरिकी लोगों के हितों को सर्वोपरि रखना है.’ उन्होंने जो बाइडन के 2023 के उस ज्ञापन को भी निरस्त कर दिया है, जिसके तहत आर्कटिक में लगभग 16 मिलियन एकड़ में तेल की ड्रिलिंग पर रोक लगा दी गई थी.

ट्रंप की घोषणा वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि को रोकने के समझौते के केंद्रीय लक्ष्य के लिए और अधिक खतरा पैदा करती है. पेरिस समझौते की राह यहां से आगे और कठिन हो सकती है. बता दें कि पिछला वर्ष (2024) पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म वर्ष था.

वर्क फ्रॉम होम खत्म, सरकारी भर्तियों पर रोक

राष्ट्रपति बनते ही ट्रंप ने सरकारी कर्मचारियों का वर्क फ्रॉम होम खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है. आदेश में सभी संघीय कर्मचारियों तुरंत प्रभाव से कार्यालय लौटने को कहा गया है. इसके साथ ही उन्होंने सभी सरकारी एजेंसियों में भर्तियों पर रोक लगाने का भी आदेश दिया है.

ट्रंप ने कहा, ‘मैं अस्थायी भर्तियों पर रोक लगाऊंगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम केवल योग्य और जनता के प्रति निष्ठावान लोगों को ही नियुक्त कर रहे हैं.’

6 जनवरी 2020 के दंगाइयों को माफी

चुनावी अभियान के दौरान किए गए वादे को पूरा करते हुए, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 जनवरी के दंगों में शामिल लगभग सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आपराधिक आरोपों को समाप्त करने का आदेश दिया.

20 जनवरी को ओवल ऑफिस में आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद ट्रंप ने कहा, ‘इन लोगों के साथ जो किया गया, वह अपमानजनक है.’

इस आदेश से दक्षिणपंथी संगठन प्राउड बॉयज़ और ओथ कीपर्स के 14 सदस्यों की सजा घटा दी गई, जिनमें से कुछ पर राजद्रोही साजिश का आरोप साबित हुआ था. यह दस्तावेज अमेरिकी अटॉर्नी जनरल को दंगों से संबंधित सभी लंबित मामलों को समाप्त करने का भी निर्देश देता है.

मेक्सिको की खाड़ी और माउंट देनाली का नाम बदला

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक नए कार्यकारी आदेश में गृह मंत्री को निर्देश दिया है कि मेक्सिको की खाड़ी का नाम बदलकर ‘अमेरिका की खाड़ी’ रखा जाए. इसके अलावा, उन्होंने अलास्का की माउंट देनाली चोटी का नाम बदलकर माउंट मैकिन्ली करने का आदेश भी दिया.

यह बदलाव अमेरिका के 25वें राष्ट्रपति विलियम मैकिन्ली के सम्मान में किया गया है, जिनकी टैरिफ़ नीतियों की ट्रंप लंबे समय से प्रशंसा करते आए हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस चोटी को माउंट देनाली नाम दिया था, यह कहते हुए कि यहां के आदिवासी समुदाय इसे इसी नाम से जानते हैं. यह चोटी उत्तरी अमेरिका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी मानी जाती है.

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