दिल्ली: न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में दिल्ली-एनसीआर की कमर्शियल ट्रांसपोर्ट ने गुरुवार को हड़ताल का ऐलान किया है. ऐसे में कमर्शियल वाहनों की हड़ताल के चलते आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव श्यामलाल गोला, जिन्होंने चक्का जाम का ऐलान किया है; ने कहा- 15 दिन से केंद्र और दिल्ली सरकार से बात की, कोशिश की थी, लेकिन बात बनी नहीं.Delhi Transport Strike की 10 खास बातें-
- नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में गुरुवार को कमर्शियल वाहन चालकों ने चक्का जाम का ऐलान किया है. हड़ताल सुबह से रात के तक होगी.
- कमर्शियल वाहन चालकों का कहना है कि सरकार पहले सुविधा दे और अपना सिस्टम दुरुस्त करे. उसके बाद इतना भारी चालान लगाएं.
- दावा किया जा रहा है कि इस हड़ताल में स्कूल बस, ऑटो, टैक्सी, टेम्पो संचालक भी शामिल हैं, ऐसे में एहतियातन दिल्ली एनसीआर में कुछ स्कूलों ने छुट्टी घोषित कर दी है. जानकारी के मुताबिक दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि के जिन निजी स्कूलों के पास अपनी बसें नहीं हैं, वह छुट्टी घोषित की है.
- हालांकि दूसरी तरफ, सरकारी स्कूलों के बारे में अभी दिल्ली सरकार ने या किसी और अथॉरिटी ने कोई घोषणा नहीं की है.
- सोशल मीडिया पर हड़ताल से संबंधित प्रसारित एक पर्चे में कहा गया है कि सरकार ओला और उबर जैसी कंपनियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कानून लाए. साथ ही ओला-उबर की सर्विस दिल्ली-एनसीआर की गाड़ी को ही मिले. साथ ही कहा गया है कि कोई भी ड्राइवर गुरुवार को ओला-उबर में भी अपनी सर्विस न दे, अन्यथा नुकसान का वह खुद जिम्मेदार होगा.
- इसके अलावा इस पर्चे में यह भी कहा गया है कि एमसीडी को अपनी मनमानी बंद करनी चाहिए और दिल्ली में रजिस्टर गाड़ियों से पैसा लेना बंद करे. इस पर्चे में कमर्शियल वाहन ड्राइवरों से हड़ताल में शामिल होने की अपील की गई है.
- यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांस्पोर्ट एसोसिएशंस (यूएफटीए) ने हड़ताल का आह्वान किया है. यूएफटीए में ट्रक, बस, ऑटो, टेम्पो, मेक्सी कैब और टैक्सियों का दिल्ली/एनसीआर में प्रतिनिधित्व करने वाले 51 यूनियन और संघ शामिल हैं.
- यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव श्यामलाल गोला ने कहा, श्यामलाल गोला ने आगे कहा, 9 सितंबर को धरना दिया था, फिर भी बात सुनी नहीं गई. न्यू मोटर व्हीकल एक्ट के चालान की बढ़ी राशि से नाराज़गी है. दिल्ली सरकार इस पर सुन नहीं रही.
- श्यामलाल गोला ने कहा कि बात नहीं सुनी गई तो दो दिन बाद रणनीति तय की गई है कि देशव्यापी हड़ताल करेंगे. जो अनिश्चितकालीन होगी.
- गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की एक्शन कमेटी के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल की वजह से अधिकतर स्कूलों ने छुट्टी का ऐलान किया है.