नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने PG और UG ऑल इंडिया कोटा में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण संवैधानिक रूप अनुमति दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को आरक्षण देने से पहले इस अदालत की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल बीते 7 जनवरी को ही कोर्ट ने आरक्षण को अनुमति दे दी थी।
आदेश के अनुसार सरकार को ज़रूरतमंद तबके के लिए विशेष व्यवस्था करने का अधिकार देने वाले संविधान के अनुच्छेद 15 (4) और 15 (5), अनुच्छेद 15 (1) का ही विस्तार हैं. अनुच्छेद 15 (1) में सरकार की तरफ से किसी वर्ग से भेदभाव न करने की जो बात कही गई है, कमज़ोर वर्ग के लिए विशेष व्यवस्था उसी भावना के अनुरूप है।
केंद्र के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि वह ऑल इंडिया कोटा में obc आरक्षण देने के लिए कोर्ट से अनुमति ले। परीक्षा में प्राप्त अंक मेरिट का इकलौता आधार नहीं हो सकता. समाज के कई वर्ग सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से लाभ की स्थिति में रहे हैं. यह परीक्षा में उनकी अधिक सफलता की वजह बनता है।
अगर आरक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति बेहतर स्थिति में आ चुका है और अनारक्षित वर्ग का कोई व्यक्ति सामाजिक या आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में नहीं है, तो यह पूरे आरक्षण को गलत ठहराने का आधार नहीं हो सकता।