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Navratri 2019 : नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा से मिलता है बुद्धिमत्ता और ज्ञान का आशीर्वाद

Navratri 2019 : चैत्र नवरात्र का पुण्यकारी त्यौहार शुरू हो चुका है। ऐसे में नवरात्र का हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित होता है। जिनकी पूजा का विशेष महत्व है। अगर पूरी श्रद्धा और आस्था से मां की उपासना की जाए, तो साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अगर आप भी शक्तिस्वरूपा मां दुर्गा की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं। तो आज हम आपको नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व और उससे मिलने वाले फल के बारे में बता रहे हैं।पंचम स्कंदमाता : भगवान स्कंद(कार्तिकेय) की माता होने के कारण देवी के इस पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। यह कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता है। शास्त्रानुसार सिंह पर सवार देवी अपनी ऊपर वाली दाईं भुजा में बाल कार्तिकेय को गोद में लिए हुए हैं और नीचे वाली दाईं भुजा में कमल पुष्प लिए हुए हैं। ऊपर वाली बाईं भुजा से इन्होंने जगत तारण वरदमुद्रा बना रखी है और नीचे वाली बाईं भुजा में कमल पुष्प है। स्कंदमाता का वर्ण पूर्णतः शुभ्र है। इस दिन साधक का मन ‘विशुद्ध चक्र’ में स्थित होता है।
पूजा फल: स्कंदमाता की साधना से साधकों को आरोग्य, बुद्धिमत्ता और ज्ञान की प्राप्ति होती है। विद्या प्राप्ति, अध्ययन, मंत्र एवं साधना की सिद्धि के लिए मां स्कंदमाता का ध्यान करना चाहिए।

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