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Navratri 2019: नवरात्रि के दिन देवी मां की पसंद के हिसाब से अर्पित करें भोग

भगवती दुर्गा के आगमन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। देवी को खुश करने में पूजन-अर्चना के आलावा उनके भोग का भी विशेष महत्व होता है। ऐसे में जरूरी है कि नवरात्रि के दिन और उनसे सम्बंधित देवी मां की पसंद के हिसाब से ही भोग अर्पित किए जाएं। ऐसा करने से पूजा के फल में बहुत वृद्धि होती है।
पहले दिन घी
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित होता है। शंकरजी की पत्नी एवं नव दुर्गाओं में प्रथम शैलपुत्री दुर्गा का महत्व और शक्तियां अनंत है। इस दिन मां को घी का भोग लगाने से भक्त निरोगी रहते हैं और उनके सारे दुःख ख़त्म होते हैं।
मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर पसंद है
नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी रूप की आराधना का विधान है। लम्बी उम्र की कामना के लिए मां को शक़्कर, सफेद मिठाई एवं मिश्री का भोग लगाया जा सकता है।
मां चंद्रघंटा के लिए दूध
नवरात्रि के तीसरे दिन यानि तृतीया को दुर्गाजी के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। मां के इस रूप को दूध, मेवायुक्त खीर या फिर दूध से बनी मिठाईयों का भोग लगाकर मां की कृपा पा सकते हैं। भक्तों को समस्त दुखों से मुक्ति मिलती हैं।मालपुआ से खुश होंगी मां कुष्मांडा
नवरात्रि के चौथे दिन मां के कुष्मांडा रूप की पूजा होती हैं। देवी के इस रूप की कृपा से निर्णंय लेने की क्षमता में वृद्धि एवं मानसिक शक्ति अच्छी रहती हैं। इस तिथि को मालपुआ का भोग लगाना अच्छा होता हैं। भोग लगाने के बाद उसे बच्चों में वितरित करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती हैं।
पंचमी को केला
नवरात्रि के पांचवें दिन यानि पंचमी को देवी के स्कंदमाता के रूप की आराधना की जाती है। शारीरिक कष्टों के निवारण के लिए माता का भोग केले का लगाएं।
मां कात्यानी को शहद भाता हैं
छठे दिन देवी के कात्यानी रूप की पूजा-अर्चना की जाती हैं। इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए शहद और मीठे पान का भोग लगाया जाता हैं।
मां कालरात्रि की कृपा के लिए गुड़
नवरात्रि के सातवें दिन देवी के जिस रूप की पूजा की जाती हैं वह हैं मां कालरात्रि। नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए आप गुड़ का भोग लगा सकते हैं। इसके आलावा नींबू काटकर भी मां को अर्पित कर सकते हैं।
महागौरी के लिए नारियल
देवी महागौरी को हम आठवें रूप में पूजते हैं। ये अन्न-धन को देने वाली हैं। मां के इस रूप को नारियल का भोग लगाया जाता हैं। इस भोग से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
नौवें दिन का भोग अनार
नवरात्रि के आखिरी दिन समस्त सुखों और सिद्धियों को प्रदान करने वाली माता सिद्धिदात्री को पूजते हैं। कोई भी अनहोनी से बचने के लिए इस दिन मां के भोग में अनार को शामिल किया जाता हैं।

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