सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम प्रथम कैम्पस द्वारा विद्यालय परिसर में आयोजित ‘वेस्टर्न क्लासिकल म्यूजिक वर्कशाप’ में बड़ी संख्या में उपस्थित छात्रों, शिक्षकों व संगीत प्रेमियों ने न सिर्फ पाश्चात्य शाष्त्रीय संगीत की बारीकियों को समझा अपितु पाश्चात्य संगीत की विभिन्न विधाओं का आनंद उठाया। यह संगीत कार्यशाला एसोसिएटेड बोर्ड ऑफ रायल स्कूल ऑफ म्यूजिक (ए.बी.आर.एस.एम.), लंदन के सहयोग से सम्पन्न हुई।
इस संगीत कार्यशाला में एबीआरएसएम के परीक्षक फिलिप वाल्श, राबर्ट शॉ, सुश्री त्से येन योंग एवं इण्डिया नेशनल यूथ आर्केस्ट्रा एवं कोरस की मैनेजिंग डायरेक्टर, सुश्री सोनिया खान ने संगीत शिक्षा पर गहन चर्चा-परिचर्चा की एवं दर्शकों के सवालों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।इस संगीत कार्यशाला की खास बात रही कि इसमें एबीआरएसएम के चीफ एक्जीक्युटिव क्रिस कॉब, एबीआरएसएम के उप-मुख्य परीक्षक मर्विन कजिन्स एवं संगीतज्ञ जेम्स वेलबर्न ने लंदन से अपनी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करायी एवं अपने सारगर्भित संबोधन से छात्रों व संगीत प्रेमियों का उत्साहवर्धन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में एबीआरएसएम के चीफ एक्जीक्युटिव क्रिस कॉब ने कहा कि संगीत शिक्षा आज एक नये कैरियर विकल्प के रूप में उभरी है एवं भावी पीढ़ी का अच्छा रूझान इस क्षेत्र में नजर आ रहा है। इससे पहले, सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने लंदन से पधारे एबीआरएसएम के परीक्षकों समेत चीफ एक्जीक्युटिव क्रिस कॉब का हार्दिक स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. किंगडन ने एबीआरएसएम परीक्षा के प्रतिभागी छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की और विश्वास व्यक्त किया कि यह संगीत कार्यशाला छात्रों की संगीत प्रतिभा को निखारने में महती भूमिका निभायेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह कार्यशाला संगीत के प्रति रूचि रखने वाले छात्रों व संगीत प्रेमियों के लिए यह यादगार अवसर साबित हुई है।