
सूर्योदय भारत समाचार सेवा, लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने एमएसएमई के लिए फंड जुटाने की सुविधा हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। उत्तर प्रदेश लगभग 96 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का घर है। विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित RAMP कार्यक्रम के तहत एमएसएमई विभाग 500 एमएसएमई चौंपियंस तैयार कर रहा है।उत्तर प्रदेश सरकार और भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने राज्य के एमएसएमई को एनएसई इमर्ज के माध्यम से आईपीओ के जरिये फंड जुटाने की प्रक्रिया के प्रति जागरूक करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एमएसएमई नीति 2022 स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्धता के लिए 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान करती है।
यह एमओयू राज कमल, आईएएस, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआईसी, उत्तर प्रदेश सरकार और सुश्री निधि महेश्वरी, सीनियर मैनेजर, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बीच बुधवार को लखनऊ में हस्ताक्षरित हुआ। इस अवसर पर आलोक कुमार, आईएएस, प्रमुख सचिव, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश और प्रांजल यादव, सचिव, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश भी उपस्थित रहे।
आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, एमएसएमई एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उद्योग मंत्री राकेश सचान के नेतृत्व में, हम अपने राज्य के एमएसएमई को अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि वे व्यवसायों को बढ़ा सकें और वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक मॉडल बना सकें।
श्रीराम कृष्णन, चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर, एनएसई ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और एनएसई ने राज्य के एमएसएमई को एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म के माध्यम से समर्थन देने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। विभिन्न क्षेत्रों की 612 कंपनियाँ एनएसई इमर्ज प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हो चुकी हैं और उन्होंने मिलकर ₹ 17,003 करोड़ से अधिक की पूंजी जुटाई है। इन कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण लगभग ₹ 1,76,565 करोड़ है।