अशाेक यादव, लखनऊ। राज्य सभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के पेगासस जासूसी मामले को लेकर भारी शोरगुल और हंगामे के कारण शून्य नहीं हो सका और प्रश्न काल की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल सकी। हंगामे के कारण सदन की पहले 12 बजे तक और बाद में दो बजे तक स्थगित कर दी गयी। पूर्वाह्न 11 बजे आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखे जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी-अपनी सीट से ही हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद तृणमूल कांग्रेस की महिला सदस्य सदन के बीच में आ गयीं और शोरगुल एवं हंगामा करने लगीं। वे अपने हाथों में प्ले कार्ड लिए हुए थीं। बाद में कांग्रेस के सदस्य भी सदन के बीच आ गये। सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सुखेन्दु शेखर राय और सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ कई अन्य सदस्यों ने नियम 267 के तहत पेगासस मामले पर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है।
इन सदस्यों को स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया गया था लेकिन वे नहीं आये इसलिए इस पर चर्चा की अनुमति नहीं दी गई है। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इस दौरान पेगासस जासूसी मामले को लेकर अपनी सीट से एक साथ जोर-जोर से बोलना जारी रखा।
वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में आज ही किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जानी है, इसलिए सदस्य सदन की कार्यवाही चलने दे। इसके बाद भी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे दोबारा शुरू होने पर उप सभापति हरिवंश ने प्रश्न काल शुरू करवाया।
कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच आ गये और नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। शोरगुल और हंगामे के बीच ही हरिवंश ने प्रश्न काल चलाने की पूरी कोशिश और उन्होंने प्रश्न पूछने के लिए कुछ सदस्यों के नाम भी पुकारे।
इस दौरान विद्युुत मंत्री राज कुमार सिंह,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार और वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किरणराव कराड ने सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये लेकिन शोरशराबे के कारण कुछ स्पष्ट सुनायी नहीं दिया। विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहने पर उपसभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी।