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Manish Gupta Death Case: मामले की जांच के आदेश, बर्खास्त होंगे दोषी पुलिसकर्मी

अशाेक यादव, लखनऊ। गोरखपुर में पुलिस की कथित पिटाई से कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं, साथ ही कहा है दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाएगा। चौतरफा किरकिरी के बाद मुख्यमंत्री ने ये आदेश गुरूवार को टीम 9 की हुई बैठक पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को दिया है।

इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गयी है, घटना के बाद से आरोपी पुलिस कर्मी फरार हैं। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग के उच्च अधि​कारियों से कहा कि पूरे माले की ​अपनी निगरानी में जांच कराएं और दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करें।

गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मरने वाले कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। कंपकंपाते हाथों से मृतक के चाचा बृजकिशोर गुप्ता ने मनीष को मुखाग्नि दी। इससे पहले, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की।

इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए। आपको बता दें कि बीते सोमवार की रात गोरखपुर में पुलिस द्वारा पीट-पीटकर मनीष गुप्ता की हत्या कर दी गई थी।

दरअसल, मनीष गुप्ता अपने दो दोस्त हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर आए थे। यहां उनके दोस्त चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद ने उन्हें गोरखपुर घुमाने के लिए बुलाया था। मनीष हरदीप और प्रदीप के साथ रामगढ़ताल इलाके में होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे।

हरदीप ने बताया कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिसकर्मियों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मुख्यमंत्री योगी ने इस संबंध में दागी पुलिसकर्मियों की सूची को भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में डीजीपी मुख्यालय को जारी दिशा निर्देश में कहा गया है कि सभी जिलों के दागी पुलिसकर्मियों की सूची बनाए, अन्य गतिविधियों से जुड़े पुलिसकर्मियों से पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने कहा कि पुलिसकर्मियों की मनमानी की लागातार शिकायतें मिल रही हैं, ​अधिकारी इस पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जो पुलिसकर्मी अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं जांच कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में ऐसे लोगों के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

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